रांची: झारखंड के पूर्व मंत्री एनोस एक्का और उनकी पत्नी मेनन एक्का को छोटानागपुर काश्तकारी अधिनियम (CNT एक्ट) के उल्लंघन के मामले में बड़ी सजा सुनाई गई है। विशेष अदालत ने दोनों को 7 साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई है, साथ ही प्रत्येक पर 1 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। जुर्माना न चुकाने की स्थिति में दोनों को 6 महीने की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
एनोस एक्का पर आरोप है कि उन्होंने 2005 से 2008 तक झारखंड सरकार में मंत्री रहते हुए अपने पद का दुरुपयोग किया। अभियोजन पक्ष के अनुसार, उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ मिलकर फर्जी पतों का उपयोग कर आदिवासियों की जमीनों को बड़े पैमाने पर खरीदा और बेचा, जो CNT एक्ट के प्रावधानों का स्पष्ट उल्लंघन है। यह अधिनियम आदिवासी भूमि के हस्तांतरण पर सख्त प्रतिबंध लगाता है ताकि आदिवासी समुदाय के हितों की रक्षा हो सके।
मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने सबूतों और गवाहों के बयानों के आधार पर दोनों को दोषी पाया। सजा के ऐलान के बाद एनोस एक्का और मेनन एक्का को हिरासत में ले लिया गया। इस फैसले ने राज्य में आदिवासी भूमि से संबंधित कानूनों के उल्लंघन पर कड़ी कार्रवाई की मिसाल कायम की है।
यह मामला झारखंड में आदिवासी अधिकारों और CNT एक्ट के पालन को लेकर लंबे समय से चर्चा में रहा है। दोनों पक्षों के वकीलों ने इस फैसले पर अपील की संभावना जताई है।