विश्व लोकसंस्कृति दिवस: सीयूजे में प्रेरक व्याख्यानों के साथ उत्साहपूर्ण आयोजन

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रांची, 22 अगस्त 2025: झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय (सीयूजे) के मानव विज्ञान और जनजातीय अध्ययन विभाग (डीएटीएस) ने विश्व लोकसंस्कृति दिवस के अवसर पर एक प्रेरक और विचारोत्तेजक कार्यक्रम का आयोजन किया। भारतीय मानव विज्ञान सर्वेक्षण के सहयोग से आयोजित इस कार्यक्रम में लोकसंस्कृति के संरक्षण और प्रचार पर विशेष जोर दिया गया।

कार्यक्रम में विद्वानों, छात्रों और समुदाय के सदस्यों ने भाग लिया, जहां आदिवासी और स्वदेशी समुदायों की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने की आवश्यकता पर गहन चर्चा हुई। प्रेरक व्याख्यानों के माध्यम से लोककथाओं, लोकगीतों और अन्य अमूर्त सांस्कृतिक तत्वों के महत्व को रेखांकित किया गया। विशेष रूप से, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) और स्वदेशी संस्कृति के बीच संबंधों पर विचार-विमर्श ने उपस्थित लोगों का ध्यान आकर्षित किया।

सीयूजे के इस आयोजन ने न केवल सांस्कृतिक जागरूकता को बढ़ावा दिया, बल्कि युवा पीढ़ी को अपनी सांस्कृतिक जड़ों से जोड़े रखने की प्रेरणा भी दी। विभागाध्यक्ष ने कहा, “लोकसंस्कृति हमारी पहचान का आधार है, और इसे संरक्षित करना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है।”

यह आयोजन विश्व लोकसंस्कृति दिवस के वैश्विक उद्देश्यों को स्थानीय स्तर पर साकार करने का एक सफल प्रयास रहा, जिसने उपस्थित लोगों में सांस्कृतिक गौरव और संरक्षण के प्रति नया उत्साह जगाया।