गोड्डा, झारखंड (15 अगस्त 2025): झारखंड के गोड्डा जिले में 10 अगस्त को हुई एक कथित पुलिस मुठभेड़ में सूर्या हांसदा की मौत के बाद उनके परिवार ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। परिवार ने इसे फर्जी एनकाउंटर करार देते हुए सूर्या की हत्या का दावा किया है और मामले की सीबीआई जांच की मांग की है।
सूर्या हांसदा की पत्नी सुशीला मुर्मू और मां नीलमुनि (या सूर्यमणी) हांसदा ने बताया कि सूर्या गंभीर रूप से बीमार थे और चलने-फिरने में असमर्थ थे। उनका कहना है कि सूर्या को देवघर के मोहनपुर थाना क्षेत्र के नवाडीह गांव से पुलिस ने बिना किसी सूचना के गिरफ्तार किया। परिवार का आरोप है कि सूर्या को जानबूझकर निशाना बनाया गया और उनकी हत्या को मुठभेड़ का रूप दिया गया। परिवार ने शव लेने से भी इनकार कर दिया है और न्याय की मांग के लिए प्रदर्शन कर रहा है।
गोड्डा पुलिस के अनुसार, सूर्या हांसदा एक कुख्यात अपराधी थे, जिनके खिलाफ हत्या, डकैती और अपहरण जैसे 20 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज थे। पुलिस का कहना है कि 10 अगस्त को बोआरीजोर थाना क्षेत्र के धमनी पहाड़ के पास हथियार बरामद करने ले जाते समय सूर्या के साथियों ने पुलिस पर गोलीबारी की। इस दौरान सूर्या ने पुलिस का हथियार छीनकर भागने की कोशिश की, जिसके जवाब में पुलिस की गोली से उनकी मृत्यु हो गई।
इस घटना ने झारखंड में सियासी तूफान खड़ा कर दिया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने पुलिस के दावों को खारिज करते हुए इसे फर्जी एनकाउंटर बताया। उनका कहना है कि सूर्या हांसदा आदिवासी हितों और खनन माफियाओं के खिलाफ आवाज उठा रहे थे, जिसके चलते उनकी हत्या की गई। कई राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों ने इस मामले में उच्चस्तरीय या सीबीआई जांच की मांग की है।
यह मामला झारखंड में पुलिस कार्रवाई और आदिवासी अधिकारों को लेकर एक बड़े विवाद का रूप ले चुका है। प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए क्षेत्र में अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किए हैं। मामले की सच्चाई सामने लाने के लिए जांच की मांग तेज हो रही है।