नई दिल्ली, 14 अगस्त 2025: कांग्रेस नेता राहुल गांधी के “वोट चोरी” के आरोपों पर चुनाव आयोग ने कड़ा रुख अपनाया है। आयोग ने इन दावों को “झूठा और भ्रामक” बताते हुए खारिज किया और कहा कि “वोट चोरी” जैसे शब्द करोड़ों भारतीय मतदाताओं और लाखों चुनाव कर्मियों की निष्ठा पर हमला हैं।
राहुल गांधी ने दावा किया था कि 2024 के लोकसभा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में बड़े पैमाने पर मतदाता सूची में हेराफेरी हुई। उन्होंने बेंगलुरु सेंट्रल लोकसभा सीट के महादेवपुरा क्षेत्र का हवाला दिया, जहां 6.5 लाख मतदाताओं में से एक लाख से अधिक वोट कथित तौर पर फर्जी थे। उनका आरोप है कि इस हेराफेरी के कारण कांग्रेस को 70 लोकसभा सीटों का नुकसान हुआ और चुनाव आयोग बीजेपी के साथ मिलकर यह सब करा रहा है।
चुनाव आयोग ने राहुल से ठोस सबूत मांगे और बताया कि 12 जून 2025 को उन्हें चर्चा के लिए पत्र लिखा गया था, जिसका जवाब नहीं मिला। आयोग ने कहा कि ऐसे आरोप भारतीय चुनावी प्रक्रिया की विश्वसनीयता को कमजोर करते हैं।
राहुल ने 17 अगस्त से बिहार में “वोटर अधिकार यात्रा” शुरू करने की घोषणा की है, जिसका मकसद वोट चोरी के खिलाफ जागरूकता और साफ मतदाता सूची की मांग है। कांग्रेस ने “वोट चोरी” पोर्टल लॉन्च किया और संसद से आयोग के कार्यालय तक मार्च की योजना बनाई। आयोग ने मतदाता सूची की पारदर्शिता के लिए उठाए कदमों का हवाला दिया। यह विवाद चुनावी प्रणाली पर सवाल उठा रहा है।