पुरी, 12 अगस्त 2025: ओडिशा सरकार ने श्री जगन्नाथ मंदिर, पुरी के पवित्र महाप्रसाद को ऑनलाइन बेचने के प्रस्ताव को पूरी तरह अस्वीकार कर दिया है। राज्य के कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने कहा कि महाप्रसाद की शुद्धता और धार्मिक महत्व को बनाए रखने के लिए यह फैसला लिया गया है।
कई संगठनों ने श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) से अनुरोध किया था कि महाप्रसाद और सूखे प्रसाद को डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए भक्तों तक पहुंचाया जाए। लेकिन, सरकार और मंदिर प्रशासन ने इस सुझाव को खारिज करते हुए स्पष्ट किया कि महाप्रसाद का आध्यात्मिक महत्व अटूट है और इसे केवल मंदिर परिसर में ही वितरित किया जाता है।
मंत्री ने कहा, “महाप्रसाद की पवित्रता और गुणवत्ता पर कोई समझौता नहीं होगा। ऑनलाइन बिक्री से इसकी गरिमा प्रभावित हो सकती है।” उन्होंने यह भी कहा कि सरकार ऐसी किसी योजना को बढ़ावा नहीं देगी और न ही किसी को ऑनलाइन बिक्री के लिए प्रेरित करेगी।
यह निर्णय कुछ समाचारों के बाद सामने आया, जिनमें बिना अनुमति के महाप्रसाद की ऑनलाइन बिक्री की बात कही गई थी। हालांकि, अभी ऑनलाइन बिक्री पर कोई कानूनी पाबंदी नहीं है, लेकिन इसके लिए जगन्नाथ मंदिर अधिनियम, 1955 में संशोधन जरूरी होगा।
मंत्री ने भक्तों से आग्रह किया कि वे पवित्र महाप्रसाद प्राप्त करने के लिए पुरी के श्री जगन्नाथ मंदिर आएं और इसकी पवित्र परंपरा का सम्मान करें।