सावन का तीसरा सोमवार: सुबह 4 बजे से शुरू हुआ जलार्पण, शिव भक्तों में उत्साह

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28 जुलाई 2025, वाराणसी: सावन मास के तीसरे सोमवार को देशभर के शिव मंदिरों में भक्तों का उत्साह चरम पर रहा। सुबह 4 बजे से ही मंदिरों में भगवान शिव के जलाभिषेक और पूजा-अर्चना का सिलसिला शुरू हो गया। खास तौर पर वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर, प्रयागराज के मणिकामिका मंदिर और झारखंड के बैद्यनाथ मंदिर में लाखों श्रद्धालुओं ने जलार्पण किया।

हिंदू पंचांग के अनुसार, इस बार सावन के तीसरे सोमवार को विनायक चतुर्थी का शुभ संयोग बना, जिससे इस दिन का महत्व और बढ़ गया। ज्योतिषियों के अनुसार, इस दिन भगवान शिव और गणेश जी की पूजा से विशेष फल की प्राप्ति होती है। भक्तों ने शिवलिंग पर गंगाजल, दूध, बेलपत्र, धतूरा और चंदन अर्पित कर अपनी मनोकामनाएं मांगी।

अयोध्या के नागेश्वर नाथ मंदिर में भी लाखों शिव भक्तों ने मां सरयू में स्नान के बाद जलाभिषेक किया। भक्तों ने “बम बम भोले” और “जय श्री राम” के जयकारों के साथ उत्साहपूर्ण माहौल बनाया। मंदिरों को फूलों और रोशनी से सजाया गया, और भजन-कीर्तन के आयोजन ने वातावरण को और भी शिवमय बना दिया।

शिवपुराण के अनुसार, सावन के तीसरे सोमवार का व्रत विशेष फलदायी माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन व्रत और पूजा से जीवन की बाधाएं दूर होती हैं और अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। भक्तों ने “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप और सावन सोमवार व्रत कथा का पाठ किया।

ज्योतिषियों ने बताया कि इस दिन पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र और महालक्ष्मी राजयोग का संयोग बन रहा है, जो मेष, कर्क और धनु राशि वालों के लिए विशेष लाभकारी है। सावन का यह पवित्र दिन भक्तों के लिए आध्यात्मिक उन्नति और सुख-समृद्धि का अवसर लेकर आया।