रांची, 27 जुलाई 2025: झारखंड की राजधानी रांची में साइबर अपराध बेकाबू हो गया है। फर्जी कॉल्स, कस्टमर केयर नंबरों और मोबाइल चोरी के जरिए ठग आम लोगों को निशाना बना रहे हैं। हाल के दिनों में कई लोग लाखों रुपये की ठगी का शिकार हुए, जिससे शहर में दहशत है।
साइबर ठग सरकारी संस्थानों के नाम पर फर्जी कॉल्स कर लोगों को डराते हैं। नवादा में एक युवक से पेंशन पास कराने के नाम पर 2.93 लाख रुपये ठगे गए। ठगों ने पीड़ित को घंटों कॉल पर उलझाए रखा और खाता खाली कर दिया। गूगल से लिए गए फर्जी कस्टमर केयर नंबर भी ठगी का जरिया बने हैं। रांची विश्वविद्यालय के प्रोफेसर जितेंद्र शुक्ला ने एक इनवर्टर कंपनी के कथित कस्टमर केयर को कॉल किया, जिसके बाद उनके खाते से 91,000 रुपये निकाले गए।
मोबाइल चोरी के बाद ठगी के मामले भी बढ़े हैं। लोहरदगा गेट पर अशोक कुमार (66) का मोबाइल चोरी हुआ, और उनके खाते से 1 लाख रुपये गायब हो गए। फर्जी यूपीआई स्कैन और डिजिटल अरेस्ट का डर दिखाकर ठग लाखों वसूल रहे हैं। नया लटका की निरोजिनी टोप्पो से यूपीआई के जरिए 1.66 लाख रुपये ठगे गए। गुजरात से पकड़े गए एक ठग ने डिजिटल अरेस्ट के नाम पर 50 लाख रुपये की ठगी की।
रांची पुलिस ने 14 ठगों को 90 एटीएम और मोबाइल्स के साथ पकड़ा, लेकिन डिजिटल साक्षरता की कमी और लालच के कारण अपराध थम नहीं रहे। पुलिस सलाह देती है: अनजान लिंक और कॉल्स से बचें, आधिकारिक नंबरों का उपयोग करें, और ठगी होने पर तुरंत 1930 पर शिकायत करें।