रांची, 23 जुलाई 2025: झारखंड के चर्चित शराब घोटाले की जांच में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने बड़ी कार्रवाई की है। ACB ने छत्तीसगढ़ राज्य म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन लिमिटेड (CSMCL) के पूर्व प्रबंध निदेशक और भारतीय दूरसंचार सेवा (ITS) अधिकारी अरुण पति त्रिपाठी के खिलाफ गिरफ्तारी की प्रक्रिया तेज कर दी है। बुधवार को ACB ने रांची की विशेष अदालत में त्रिपाठी के प्रोडक्शन वारंट के लिए आवेदन दायर किया, जिसके तहत उनकी गिरफ्तारी संभव है।
त्रिपाठी पर आरोप है कि उन्होंने झारखंड में तत्कालीन उत्पाद सचिव विनय कुमार चौबे के साथ मिलकर शराब घोटाले की साजिश रची। जांच में खुलासा हुआ कि त्रिपाठी ने छत्तीसगढ़ के शराब मॉडल को झारखंड में लागू करने की योजना बनाई, जिसमें 40-50 करोड़ रुपये की रिश्वत का लेन-देन शामिल था। इस घोटाले में नकली होलोग्राम के जरिए अवैध शराब की बिक्री और निविदा प्रक्रिया में हेरफेर कर ठेकेदारों को लाभ पहुंचाया गया।
त्रिपाठी की झारखंड में सलाहकार के रूप में नियुक्ति भी विवादास्पद रही। उन्होंने इस नियुक्ति के लिए केंद्र सरकार या छत्तीसगढ़ सरकार से अनुमति नहीं ली, जो नियमों का उल्लंघन है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पहले त्रिपाठी को छत्तीसगढ़ शराब घोटाले का मास्टरमाइंड बताया था, जहां उन्होंने अपनी पत्नी के नाम पर एक आईटी कंपनी बनाकर नकली होलोग्राम के जरिए अवैध शराब कारोबार किया।
त्रिपाठी को 12 अप्रैल 2024 को छत्तीसगढ़ में ACB ने गिरफ्तार किया था, और वे वर्तमान में रायपुर सेंट्रल जेल में बंद हैं। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें 10 अप्रैल 2025 तक जमानत दी है, लेकिन झारखंड ACB उनकी रिमांड के लिए प्रोडक्शन वारंट की मांग कर रही है। ACB की जांच में यह भी सामने आया है कि त्रिपाठी ने शराब कारोबारियों को फायदा पहुंचाने के लिए नीतिगत बदलाव किए, जिससे झारखंड सरकार को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ।
ACB अब त्रिपाठी से पूछताछ की तैयारी कर रही है ताकि घोटाले के अन्य पहलुओं और शामिल लोगों का पता लगाया जा सके। जांच में त्रिपाठी के अलावा पूर्व उत्पाद सचिव विनय कुमार चौबे और अन्य अधिकारियों के नाम भी सामने आए हैं। इस मामले में और खुलासे होने की संभावना है।