पटना, 23 जुलाई 2025: बिहार के नौ जिलों बक्सर, पटना, वैशाली, समस्तीपुर, मुंगेर, बेगूसराय, कटिहार, भागलपुर और खगड़िया में गंगा नदी के उफान के कारण बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। फरक्का बराज के सभी 108 गेट खोल दिए गए हैं, क्योंकि गंगा का जलस्तर पटना में खतरे के निशान से 43 सेंटीमीटर और फरक्का में 20 सेंटीमीटर ऊपर पहुंच गया है। नेपाल और पड़ोसी राज्यों में भारी बारिश ने गंगा के जलस्तर को पिछले 15 वर्षों में जुलाई माह के उच्चतम स्तर पर पहुंचा दिया है।
जल संसाधन विभाग ने तटबंधों की सुरक्षा के लिए 600 सुरक्षाकर्मी और 45 से अधिक कनीय अभियंताओं को तैनात किया है। रात्रि पेट्रोलिंग भी शुरू की गई है। बक्सर, पटना, मुंगेर और भागलपुर के दियारा इलाकों में पानी फैल रहा है, जबकि भागलपुर के सबौर, कहलगांव और पीरपैंती में कटाव से कृषि भूमि नदी में समा रही है। मुंगेर के बरियारपुर में दर्जनों गांव जलमग्न हो चुके हैं, और स्थानीय विद्युत सबस्टेशन में भी पानी घुस गया है।
कोसी और बूढ़ी गंडक नदियां भी सुपौल, सहरसा और खगड़िया में खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। प्रशासन ने राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिए हैं, और प्रभावित लोगों से सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की है। अभी तक किसी जनहानि की सूचना नहीं मिली है।
फरक्का बराज को बिहार में बाढ़ का एक प्रमुख कारण माना जाता है, क्योंकि यह गंगा में गाद जमा होने से नदी की गहराई कम करता है। 2016 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसे तोड़ने की मांग उठाई थी।
प्रशासन की अपील: नदी तटों से दूर रहें और स्थानीय प्रशासन के निर्देशों का पालन करें। राहत कार्यों में सहयोग करें।