झारखंड हाईकोर्ट ने नितेश साहू की फांसी की सजा को उम्रकैद में बदला

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रांची: झारखंड हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में नितेश साहू की फांसी की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया है। नितेश को अपनी मां, पिता और भाई की हत्या के मामले में रांची सिविल कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई थी। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में माना कि यह अपराध अत्यंत क्रूर था, लेकिन यह “रेयरेस्ट ऑफ रेयर” श्रेणी में नहीं आता, जो फांसी की सजा के लिए आवश्यक है।

हाईकोर्ट ने भारत के सुप्रीम कोर्ट द्वारा 1980 के बच्चन सिंह बनाम पंजाब राज्य मामले में स्थापित “रेयरेस्ट ऑफ रेयर” सिद्धांत का हवाला दिया। इस सिद्धांत के तहत फांसी की सजा केवल उन मामलों में दी जाती है, जो असाधारण रूप से क्रूर और समाज के लिए अत्यंत घातक हों। अदालत ने कहा कि नितेश साहू का अपराध गंभीर होने के बावजूद इस कसौटी पर खरा नहीं उतरता।

इस फैसले के बाद नितेश साहू को अब आजीवन कारावास की सजा काटनी होगी। यह निर्णय कानूनी हलकों में चर्चा का विषय बना हुआ है, क्योंकि यह “रेयरेस्ट ऑफ रेयर” सिद्धांत के लागू होने के दायरे को और स्पष्ट करता है।