रांची: झारखंड में 8.24 लाख राशन कार्डों के रद्द होने का खतरा मंडरा रहा है, जिससे लाखों गरीब परिवारों का राशन छिन सकता है। ‘भोजन का अधिकार’ अभियान ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर इस प्रक्रिया को तत्काल रोकने की मांग की है। अभियान ने बताया कि राष्ट्रीय और राज्य खाद्य सुरक्षा योजनाओं के तहत 74.6 लाख कार्डधारकों का ई-केवाईसी तकनीकी समस्याओं के कारण पूरा नहीं हो सका। इससे बुजुर्ग, दिव्यांग और दूरदराज के क्षेत्रों में रहने वाले लोग सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं।
अभियान ने चेताया कि बड़े पैमाने पर कार्ड विलोपन से गरीब परिवार भुखमरी और कुपोषण की चपेट में आ सकते हैं। विशेष रूप से आदिम जनजातियों के कार्डों को बिना सत्यापन के सुरक्षित करने की अपील की गई है। केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत 30 जून तक ई-केवाईसी अनिवार्य किया था, लेकिन तकनीकी अड़चनों ने इस प्रक्रिया को जटिल कर दिया। अभियान ने जोर देकर कहा कि विलोपन पर तुरंत रोक लगे और तकनीकी मुद्दों का समाधान कर जरूरतमंदों के भोजन के हक को सुरक्षित किया जाए।