अनुबंध कर्मचारियों का राजभवन के सामने 100 दिन से धरना, साक्षरता अभियान के साथ मांगें दोहराईं

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रांची, 17 जुलाई 2025: झारखंड के संयुक्त महाविद्यालय अनुबंध शिक्षकेत्तर कर्मचारी संघ के बैनर तले राजभवन के सामने अनुबंध कर्मचारियों का शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन 100 दिनों से अधिक समय से जारी है। गुरुवार को सैकड़ों कर्मचारियों ने साक्षरता जागरूकता अभियान चलाकर अपनी मांगों को सरकार तक पहुंचाने का प्रयास किया और शीघ्र समाधान की मांग की।

कर्मचारियों ने बताया कि वे 10 से 15 साल से पुस्तकालय सहायक, लिपिक, कंप्यूटर ऑपरेटर, सफाईकर्मी और माली जैसे पदों पर पूरी निष्ठा से काम कर रहे थे। लेकिन मार्च 2025 में उनकी सेवाएं समाप्त कर दी गईं, जिससे उनके सामने आजीविका का गंभीर संकट खड़ा हो गया है। इससे पहले, 11 जून को जूता पॉलिश और 16 जून को भिक्षाटन जैसे प्रतीकात्मक विरोध के जरिए भी कर्मचारियों ने अपनी पीड़ा जाहिर की थी। फिर भी, राज्य सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।

गुरुवार को प्रदर्शनकारियों ने यज्ञ-हवन का आयोजन कर सरकार, राजभवन और विश्वविद्यालय प्रशासन से पुनः नियुक्ति की मांग दोहराई। संघ ने साफ तौर पर चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगों का जल्द समाधान नहीं हुआ, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा। इसमें रांची विश्वविद्यालय, कोल्हान विश्वविद्यालय, सिदो-कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय और विनोद बिहारी महतो विश्वविद्यालय के कर्मचारी शामिल हैं।

कर्मचारियों का कहना है कि नई शिक्षा नीति के तहत इंटरमीडिएट कक्षाओं को कॉलेजों से हटाकर स्कूलों में स्थानांतरित करने के कारण उनकी नौकरियां खतरे में पड़ गई हैं। वे मांग कर रहे हैं कि जिस तरह छात्रों को प्लस-2 स्कूलों में समायोजित किया गया, उसी तरह उन्हें भी सरकारी स्कूलों या कॉलेजों में समायोजित किया जाए।

संघ के नेताओं ने कहा कि बार-बार आश्वासनों के बावजूद कोई प्रगति नहीं हुई है। कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें अनसुनी रहीं, तो वे उग्र कदम उठाने को मजबूर होंगे। सरकार से अपील है कि इस संकट का जल्द समाधान निकाला जाए ताकि कर्मचारियों और उनके परिवारों को राहत मिल सके।