पटना, 13 जुलाई 2025: बिहार में महागठबंधन के भीतर दरार की खबरें सामने आ रही हैं। हाल ही में राजद नेता तेजस्वी यादव के आवास पर हुई महागठबंधन की बैठक में झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) को आमंत्रित नहीं किया गया, जिससे गठबंधन की एकता पर सवाल उठने लगे हैं। झामुमो के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि उनकी पार्टी जबरदस्ती किसी बैठक में शामिल नहीं होगी, लेकिन बिहार में 12-16 सीटों पर विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है।
राजद ने इस पर सफाई देते हुए कहा कि उचित समय पर झामुमो को शामिल किया जाएगा। हालांकि, राजद नेताओं कैलाश यादव और रामकुमार यादव के बयानों ने तनाव बढ़ाया, जिन्होंने झामुमो को बिहार की तुलना झारखंड से न करने और अकेले चुनाव लड़कर ताकत दिखाने की चुनौती दी। महागठबंधन की बैठक में राजद, कांग्रेस, VIP और वाम दलों ने सीट बंटवारे पर चर्चा की, लेकिन सहमति नहीं बनी। कांग्रेस 40-45 सीटों की मांग कर रही है, जबकि VIP और भाकपा-माले भी अधिक सीटें चाहते हैं।
झामुमो की अनदेखी से गठबंधन में असंतोष बढ़ा है। बीजेपी ने मौके का फायदा उठाते हुए झामुमो पर तंज कसा, इसे “फुफकारने वाला, न काटने वाला” बताया। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव से पहले सीट बंटवारे पर सहमति न बनी तो महागठबंधन कमजोर पड़ सकता है।