रांची, 9 जुलाई 2025: केंद्र सरकार की नीतियों के विरोध में 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों द्वारा बुलाए गए भारत बंद का झारखंड के कोलांचल क्षेत्र पर व्यापक प्रभाव पड़ा। लगभग 25 करोड़ श्रमिकों की इस हड़ताल से कोयला खनन, बैंक, डाकघर और सार्वजनिक सेवाएं ठप रहीं। धनबाद, बोकारो और हजारीबाग जैसे कोलांचल क्षेत्रों में कोयला उत्पादन और परिवहन रुक गया। एटक, सीटू और इंटक जैसे मजदूर संगठनों के समर्थन से खदानों में कामकाज शुरू नहीं हो सका, जिससे कोयला आपूर्ति प्रभावित होने की आशंका है।
परिवहन सेवाएं, खासकर राज्य संचालित बसें, हड़ताल से प्रभावित रहीं, जिससे यात्रियों को असुविधा हुई। रांची में दुकानें और बाजार सामान्य रूप से खुले, लेकिन परिवहन यूनियनों के शामिल होने से व्यवधान बढ़ सकता है। पुलिस ने सुरक्षा के लिए रांची में 1,500 जवानों की तैनाती और ड्रोन निगरानी की व्यवस्था की।
हड़ताल की मांगों में महंगाई पर नियंत्रण, जीएसटी हटाने, निजीकरण रोकने और किसानों के लिए MSP की गारंटी शामिल हैं। धनबाद के मजदूर नेता रामेश्वर सिंह ने कहा, “यह हड़ताल मजदूरों और किसानों की एकजुटता का प्रतीक है।” स्थानीय निवासियों ने असुविधा पर मिश्रित प्रतिक्रिया दी।