भाजपा के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष की घोषणा जल्द, बिहार और बंगाल में बड़ी चुनौतियां

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नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) जल्द ही अपने नए राष्ट्रीय अध्यक्ष की घोषणा कर सकती है। पार्टी सूत्रों के अनुसार, जे.पी. नड्डा के कार्यकाल के बाद नया नेतृत्व चुनने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। संगठनात्मक चुनावों में तेजी के साथ उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और अन्य प्रमुख राज्यों में प्रदेश अध्यक्षों की नियुक्ति हो रही है। पार्टी संविधान के अनुसार, कम से कम 19 राज्यों में प्रदेश अध्यक्षों का चयन पूरा होने के बाद ही राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव संभव है।

पश्चिम बंगाल में समीक भट्टाचार्य के निर्विरोध प्रदेश अध्यक्ष बनने की संभावना है, क्योंकि उनके अलावा किसी अन्य ने नामांकन दाखिल नहीं किया। भट्टाचार्य के समक्ष 2026 के विधानसभा चुनावों से पहले तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के “बंगाली विरोधी” और “बाहरी पार्टी” के नैरेटिव को चुनौती देना प्रमुख कार्य होगा। साथ ही, पार्टी के भीतर विभिन्न गुटों में एकजुटता लाना भी उनके लिए चुनौती होगी।

वहीं, बिहार में दिलीप जायसवाल को प्रदेश अध्यक्ष के रूप में फिर से चुना गया है। 2025 के विधानसभा चुनावों से पहले भाजपा की नजर पासमानदा मुस्लिम समुदाय को साधने पर है, जो बिहार की मुस्लिम आबादी का महत्वपूर्ण हिस्सा है। जायसवाल ने पूर्ववर्ती सरकारों पर इस समुदाय की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए समावेशी विकास का वादा किया है। हालांकि, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के स्वास्थ्य और उनकी पार्टी जद(यू) के साथ गठबंधन की रणनीति को लेकर भाजपा के लिए चुनौतियां बरकरार हैं।

सूत्रों का कहना है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष का चयन 10 से 20 जुलाई तक हो सकता है, जिसमें दक्षिण भारत से किसी महिला नेता या ओबीसी समुदाय के प्रमुख चेहरे पर सहमति की संभावना जताई जा रही है।