झारखंड कोलियरी मजदूर यूनियन का केंद्रीय महाधिवेशन: श्रमिक अधिकारों की आवाज बुलंद, हेमंत सोरेन ने जताई प्रतिबद्धता

Spread the News

रांची, 28 जून 2025: राजधानी रांची में आज झारखंड कोलियरी मजदूर यूनियन (JCMU) का केंद्रीय महाधिवेशन भव्य रूप से आयोजित हुआ। इस अवसर पर राज्य भर से कोयला क्षेत्र से जुड़े हजारों मजदूर प्रतिनिधियों ने भाग लिया। महाधिवेशन का उद्देश्य कोलियरी मजदूरों, आदिवासियों, मूलवासियों, विस्थापितों और श्रमिक वर्ग के अधिकारों को लेकर संघर्ष और समाधान की रणनीति तय करना रहा।

मुख्य अतिथि के रूप में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने वर्चुअल माध्यम से महाधिवेशन को संबोधित किया। उन्होंने कहा, “राज्य सरकार आदिवासियों, मूलवासियों और श्रमिकों के हक और सम्मान की रक्षा के लिए संकल्पबद्ध है। कोयला खदानों से जुड़े विस्थापित परिवारों के पुनर्वास, रोजगार और सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार लगातार पहल कर रही है।”

मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि राज्य सरकार श्रमिकों की न्यूनतम मजदूरी, स्थायी रोजगार, स्वास्थ्य सुविधा और आवास जैसी मूलभूत आवश्यकताओं पर विशेष ध्यान दे रही है। उन्होंने यूनियन नेताओं से मिलकर श्रमिक कल्याण के लिए ठोस सुझाव साझा करने की अपील की।

यूनियन की मांगें और वक्ताओं का स्वर:

महाधिवेशन में यूनियन के शीर्ष नेताओं ने केंद्र और राज्य सरकार से कई अहम मांगें रखीं, जिनमें शामिल हैं-

• सभी कोल कर्मियों को स्थायी करने की प्रक्रिया में तेजी लाई जाए

• ठेका प्रथा को खत्म कर समान काम के लिए समान वेतन सुनिश्चित किया जाए

• विस्थापित परिवारों को उचित मुआवजा और पुनर्वास सुविधा दी जाए

• खनन क्षेत्रों में स्वास्थ्य, शिक्षा और पर्यावरण की स्थिति में सुधार किया जाए

यूनियन महासचिव ने कहा कि कोल इंडिया और इसकी अनुषांगिक कंपनियों द्वारा किए जा रहे श्रमिक शोषण को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने आंदोलन की चेतावनी भी दी, यदि मजदूर हितों की अनदेखी जारी रही।

राजनीतिक और सामाजिक हस्तियों की भागीदारी:

महाधिवेशन में विभिन्न राजनीतिक दलों, मजदूर संगठनों और सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया और अपने विचार रखे। सभी ने एक स्वर में श्रमिक एकता और अधिकारों की रक्षा पर बल दिया।

संगठनात्मक प्रस्ताव पारित:

महाधिवेशन के अंतिम सत्र में कई संगठनात्मक प्रस्ताव पारित किए गए। इनमें मजदूर आंदोलन को तेज करने, यूनियन के विस्तार, और श्रमिकों को डिजिटल रूप से जोड़ने जैसे मुद्दे शामिल रहे।

झारखंड कोलियरी मजदूर यूनियन का यह केंद्रीय महाधिवेशन न केवल श्रमिकों की आवाज को मंच प्रदान करने वाला आयोजन साबित हुआ, बल्कि राज्य की श्रम नीतियों को प्रभावित करने की दिशा में भी एक निर्णायक कदम के रूप में देखा जा रहा है।