सीवान, बिहार: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को बिहार के सीवान में आयोजित जनसभा में आरजेडी और लालू यादव पर करारा हमला बोला। उन्होंने कहा कि “कुछ लोग डॉ. भीमराव आंबेडकर की तस्वीर को पैरों में रखते हैं, जबकि मैं बाबा साहेब को दिल में बसाए रखता हूं।” यह बयान पीएम मोदी ने हाल ही में वायरल हुई एक तस्वीर के संदर्भ में दिया जिसमें लालू यादव के पैरों के नीचे अंबेडकर की तस्वीर नजर आई थी। इस मामले पर आरजेडी की तीखी आलोचना करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि “ऐसे लोग न कभी माफी मांगेंगे, न ही दलितों, महादलितों और पिछड़ों के प्रति उनके मन में कोई आदर भाव है।”
विकास की सौगात के साथ विपक्ष पर जुबानी वार
प्रधानमंत्री ने सीवान की धरती से राज्य को 28 विकास परियोजनाओं की सौगात दी। इसमें पटना-गोरखपुर वंदे भारत एक्सप्रेस का उद्घाटन, सीवान और सासाराम में सीवरेज नेटवर्क की शुरुआत, आरा और सीवान में पेयजल आपूर्ति परियोजनाएं, तथा प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 53,666 लाभुकों को पहली किस्त का वितरण शामिल रहा। इसके साथ ही ‘नमामि गंगे’ मिशन से जुड़ी कई परियोजनाओं का भी शिलान्यास और लोकार्पण किया गया।
‘लालटेन’ और ‘पंजा’ की राजनीति पर निशाना
सभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने विपक्ष के चुनाव चिन्हों पर भी तंज कसते हुए कहा कि “लालटेन और पंजा की राजनीति ने सिर्फ अपने परिवारों का भला किया है। इन्हें राज्य की जनता की कोई परवाह नहीं। ये लोग बाबा साहेब अंबेडकर के उस विचार के खिलाफ हैं जो सबके उत्थान की बात करता है।”
बिहार के विकास का संकल्प
प्रधानमंत्री ने कहा कि बीते 10 वर्षों में केंद्र सरकार ने बिहार को तेज़ विकास की राह पर ले जाने के लिए लगातार प्रयास किया है। “हमने राज्य में 55 हजार किलोमीटर से अधिक सड़कें बनवाईं, करोड़ों घरों तक बिजली और पानी पहुंचाया। मगर अभी भी बहुत कुछ करना बाकी है। मेरा सपना है कि बिहार का हर गांव, हर परिवार विकास की रफ्तार से जुड़े।”
समाज के वंचित वर्ग को लेकर बीजेपी की प्रतिबद्धता दोहराई
अपने भाषण के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने दलित, महादलित, पिछड़ा और अति पिछड़ा वर्ग के कल्याण की बात करते हुए कहा कि भाजपा सिर्फ वोट के लिए नहीं, बल्कि उनके समग्र विकास के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि कुछ पार्टियां इन वर्गों को सिर्फ वोट बैंक मानती हैं, जबकि केंद्र सरकार ने इन्हें मुख्यधारा में लाने का काम किया है।
इस भाषण के माध्यम से पीएम मोदी ने एक तरफ जहां बड़ी विकास परियोजनाओं की झड़ी लगाई, वहीं दूसरी ओर राजनीतिक विरोधियों को कठघरे में खड़ा कर आगामी चुनावों के लिए माहौल भी गरमा दिया।