बिहार में नियुक्तियों पर डोमिसाइल नीति लागू, INDIA गठबंधन की मांग को नीतीश सरकार का जवाब

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पटना: बिहार सरकार ने राज्य के विद्यालयों में पुस्तकालयाध्यक्ष, लिपिक और परिचारक जैसे पदों पर होने वाली 15,000 नियुक्तियों में शत-प्रतिशत डोमिसाइल नीति लागू करने का निर्णय लिया है। यह फैसला हाल ही में राज्य कैबिनेट की बैठक में लिया गया, जिसे लेकर राज्य के बेरोजगार युवाओं में नई उम्मीद जगी है। यह पहली बार है जब किसी भर्ती प्रक्रिया में पूरी तरह से स्थानीय निवास प्रमाणपत्र को अनिवार्य कर दिया गया है।

इस फैसले को लेकर कांग्रेस, राजद, भाकपा, माले समेत INDIA गठबंधन से जुड़े दलों ने नीतीश सरकार पर दबाव बनाने के लिए चलाए गए आंदोलन को बड़ी सफलता बताया है।

बिहार प्रदेश कांग्रेस कमिटी के प्रदेश प्रतिनिधि सह प्रवक्ता प्रो. विजय कुमार मिट्ठू, युवा कांग्रेस अध्यक्ष विशाल कुमार, एनएसयूआई के जिलाध्यक्ष नवनीत कुमार सिंह, जेएनयू छात्र संघ के पूर्व महासचिव विपिन बिहारी सिन्हा, प्रो. अरुण कुमार प्रसाद, डॉ. मदन कुमार सिन्हा, डॉ. शशि शेखर सिंह, डॉ. गगन मिश्रा, डॉ. देविका सय्यार मिश्रा, डॉ. विजय शर्मा, राम प्रमोद सिंह, शिव कुमार चौरसिया, मोहम्मद शमीम, मुन्ना मांझी सहित कई नेताओं ने संयुक्त बयान जारी कर इस फैसले का स्वागत किया।

इन नेताओं ने कहा कि बिहार के लाखों बेरोजगार युवाओं ने लंबे समय से राज्य की सभी सरकारी भर्तियों में स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता देने की मांग की थी। INDIA गठबंधन के सभी घटक दल इस मांग के समर्थन में लगातार सड़क पर थे। नेताओं का कहना है कि अगर आगामी विधानसभा चुनाव में INDIA गठबंधन सत्ता में आता है, तो हर स्तर की नियुक्तियों में 100% डोमिसाइल नीति को लागू किया जाएगा।

नेताओं ने नीतीश सरकार से आग्रह किया है कि वह जल्द से जल्द अन्य सभी विभागों की भर्तियों में भी यह नीति अनिवार्य करे और इसकी अधिसूचना जारी कर युवाओं को स्थायी राहत दे।