खूंटी की बेटियों का कमाल: 11 छात्राओं ने नीट परीक्षा में हासिल की सफलता, फीस बनी चिंता का कारण

Spread the News

झारखंड के खूंटी जिले की एक सरकारी विद्यालय की छात्राओं ने राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET) में शानदार प्रदर्शन कर शिक्षा जगत में एक नई मिसाल कायम की है। कर्रा प्रखंड स्थित कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय की 12वीं कक्षा की 28 छात्राओं में से 11 ने नीट परीक्षा पास कर दिखा दिया कि संकल्प और मेहनत के आगे संसाधनों की कमी भी हार मान जाती है।

इन सफल छात्राओं में से अधिकतर दलित, आदिवासी और पिछड़े वर्ग से आती हैं। सीमित सुविधाओं और ग्रामीण परिवेश के बावजूद इन छात्राओं ने मेडिकल क्षेत्र में कदम रखने की दिशा में एक बड़ी जीत हासिल की है। नीट परीक्षा पास करने के बाद ये छात्राएं अब MBBS और BDS जैसे कोर्सों में प्रवेश के लिए पात्र हो गई हैं।

सफलता के साथ अब आर्थिक संकट

हालांकि परीक्षा में कामयाबी हासिल करने के बाद भी इन छात्राओं की राह पूरी तरह आसान नहीं है। मेडिकल शिक्षा की ऊंची फीस इन होनहार छात्राओं के लिए अब सबसे बड़ी चुनौती बन गई है। कई छात्राओं ने बताया कि उनके परिवार की आर्थिक स्थिति इतनी अच्छी नहीं है कि वे मेडिकल कॉलेजों की फीस का बोझ उठा सकें। ऐसे में उन्होंने सरकार और समाज से आर्थिक सहयोग की अपील की है।

संपूर्ण शिक्षा कवच’ योजना बनी सहारा

इस सफलता के पीछे ‘संपूर्ण शिक्षा कवच’ योजना की भी अहम भूमिका रही है, जिसके तहत इन छात्राओं को नीट की तैयारी के लिए जरूरी संसाधन और मार्गदर्शन उपलब्ध कराया गया। यह योजना झारखंड सरकार की एक पहल है, जो वंचित तबकों के विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने का प्रयास करती है।

खूंटी, जो राजधानी रांची से लगभग 40 किलोमीटर दूर है, भाषाई और सांस्कृतिक दृष्टि से भी विशिष्ट है। यहां नागपुरी और मुंडारी जैसी भाषाएं प्रमुख रूप से बोली जाती हैं।

इन छात्राओं की सफलता सिर्फ एक परीक्षा पास करने की बात नहीं है, बल्कि यह ग्रामीण भारत की बेटियों के जज़्बे और हौसले की गूंज है, जिसे अब आवश्यकता है सिर्फ एक मजबूत आर्थिक सहारे की, ताकि वे अपने सपनों को पूरा कर सकें और एक नई प्रेरणा बन सकें।