रांची में अब पार्किंग एजेंसियों की मनमानी नहीं चलेगी, निगम ने जारी की सख्त हिदायतें

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रांची: शहर में पार्किंग व्यवस्था को लेकर लगातार मिल रही शिकायतों पर अब रांची नगर निगम ने सख्त रुख अपनाया है। निगम ने पार्किंग संचालित कर रही एजेंसियों के लिए नई और कड़ी गाइडलाइन जारी की है। इसके तहत मनमाने ढंग से शुल्क वसूलने और निर्धारित नियमों का उल्लंघन करने पर एजेंसी का लाइसेंस रद्द किया जा सकता है।

बिना यूनिफॉर्म और आइडी कार्ड पर रोक

नगर निगम ने निर्देश दिया है कि अब किसी भी पार्किंग एजेंसी का कर्मचारी बिना यूनिफॉर्म और पहचान पत्र के ड्यूटी नहीं करेगा। हर कर्मचारी को पहचान पत्र पहनना अनिवार्य होगा ताकि आम लोगों को असुविधा न हो और एजेंसी की जवाबदेही तय की जा सके।

स्पष्ट सूचना पट्ट लगाना अनिवार्य

नगर निगम ने यह भी कहा है कि हर अधिकृत पार्किंग स्थल पर दो दिनों के भीतर एक बोर्ड लगाना अनिवार्य होगा, जिस पर पार्किंग स्थल का नाम, संवेदक का नाम व मोबाइल नंबर, पार्किंग की सीमा, वाहन की श्रेणी के अनुसार शुल्क और समय अवधि स्पष्ट रूप से अंकित होना चाहिए।

शिकायतों पर नगर निगम की कड़ी कार्रवाई

पिछले कुछ समय से राजधानी के कई हिस्सों में पार्किंग शुल्क को लेकर एजेंसियों पर लगातार मनमानी वसूली और बदसलूकी के आरोप लगते रहे हैं। इन्हीं शिकायतों पर नगर निगम के प्रशासक संदीप सिंह ने गंभीरता से संज्ञान लेते हुए यह कदम उठाया है।

यह होंगे शुल्क के मानक

निगम ने दोपहिया और चार पहिया वाहनों के लिए तय शुल्क की भी घोषणा कर दी है। दोपहिया वाहनों के लिए तीन घंटे तक 10 रुपये और चार पहिया वाहनों के लिए 30 रुपये शुल्क तय किया गया है। हालांकि, यदि कोई वाहन केवल 10 मिनट तक खड़ा होता है, तो उससे कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा।

निर्धारित क्षेत्र से बाहर नहीं होगी पार्किंग

नगर निगम ने यह स्पष्ट किया है कि कोई भी एजेंसी अपने अधिकृत पार्किंग क्षेत्र से बाहर या उससे सटे किसी चौराहे या सड़क पर वाहन पार्क नहीं करा सकती। साथ ही, हर वाहन चालक को शुल्क की रसीद (पार्किंग स्लिप) देना अनिवार्य होगा, जिसमें शुल्क राशि, दिनांक और समय अंकित रहेगा।

निर्देशों का उल्लंघन पर कड़ी सजा

नगर निगम ने चेतावनी दी है कि यदि कोई एजेंसी इन निर्देशों का उल्लंघन करती पाई जाती है, तो उसका लाइसेंस तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया जाएगा। निगम का यह कदम शहर में पारदर्शी और अनुशासित पार्किंग व्यवस्था लागू करने की दिशा में बड़ा फैसला माना जा रहा है।