नई दिल्ली: पश्चिम एशिया में एक बार फिर से तनावपूर्ण हालात बन गए हैं। शुक्रवार को इजरायल ने ईरान के खिलाफ बड़े पैमाने पर हवाई हमले किए। इन हमलों को लेकर अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने स्पष्ट किया है कि अमेरिका इन कार्रवाइयों में शामिल नहीं है। उन्होंने कहा कि वाशिंगटन की प्राथमिकता क्षेत्र में तैनात अमेरिकी सैन्य बलों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को न्यूक्लियर डील को लेकर सख्त चेतावनी दी है। ट्रंप ने साफ कहा है कि यदि ईरान अब भी परमाणु समझौते पर सहमत नहीं होता है, तो परिणाम और भी विनाशकारी होंगे।
अपने आधिकारिक पोस्ट में ट्रंप ने लिखा, “मैंने ईरान को कई बार समझौता करने का अवसर दिया, लेकिन उन्होंने हर बार उसे गंवा दिया। अब उनके पास समय बहुत कम है। इजराइल के पास अत्याधुनिक और खतरनाक हथियारों का भंडार है, और वह किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह सक्षम है।”
ट्रंप ने यह भी दावा किया कि ईरान में जो लोग समझौते के विरोध में थे, वे अब मारे जा चुके हैं। उन्होंने कहा, “कुछ कट्टरपंथियों ने कड़े तेवर दिखाए, लेकिन उन्हें अंदाज़ा नहीं था कि आगे क्या होने वाला है। अब वे नहीं बचे, और भविष्य और भी भयावह हो सकता है।”
पूर्व राष्ट्रपति ने ईरान को चेतावनी देते हुए कहा, “अब भी वक्त है इस नरसंहार को रोका जाए। अगली कार्रवाइयां और भी अधिक घातक साबित हो सकती हैं। समझौते की ओर बढ़ो, ताकि उस विरासत को बचाया जा सके जिसे कभी ईरानी साम्राज्य कहा जाता था। बहुत हो चुका – अब मौत और विनाश बंद होनी चाहिए।”
अंत में ट्रंप ने कहा, “ईश्वर सभी का भला करे – लेकिन अब निर्णय लेने का समय आ गया है।”