अहमदाबाद: अहमदाबाद में गुरुवार को लंदन जा रही एयर इंडिया की इंटरनेशनल फ्लाइट के क्रैश के एक दिन बाद भी राहत और जांच कार्य जारी हैं। इस भयावह दुर्घटना में अब तक 265 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि केवल एक यात्री रमेश विश्वास कुमार चमत्कारी ढंग से जीवित बच पाए।
शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अहमदाबाद पहुंचे और सिविल अस्पताल जाकर हादसे में घायल लोगों से मुलाकात की। उन्होंने घटनास्थल का भी दौरा किया और राहत कार्यों की प्रगति की जानकारी अधिकारियों से ली। पीएम ने हादसे में बचने वाले इकलौते व्यक्ति से भी संवाद किया।
पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी को दी श्रद्धांजलि
इस दुर्घटना में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी का भी निधन हो गया। प्रधानमंत्री मोदी ने रूपाणी के परिजनों से मुलाकात की और शोक संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा कि विजयभाई के साथ दशकों तक उन्होंने मिलकर काम किया और उनका जाना व्यक्तिगत क्षति है।
ब्लैक बॉक्स मिला, जांच में तेजी
दुर्घटना की जांच कर रहे विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) ने बताया कि विमान का ब्लैक बॉक्स अहमदाबाद के बी.जे. मेडिकल कॉलेज परिसर में एक इमारत की छत से बरामद कर लिया गया है। इससे जांच को नई दिशा मिलने की उम्मीद है। एएआईबी ने बताया कि 40 से अधिक राज्य कर्मचारी और नागर विमानन मंत्रालय की टीमें जांच में जुटी हैं।
DGCA का सख्त रुख, ड्रीमलाइनर विमानों की होगी गहन जांच
विमान हादसे के बाद नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने एयर इंडिया के बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमानों की विशेष सुरक्षा जांच के आदेश दिए हैं। DGCA का फोकस इन विमानों की तकनीकी प्रणालियों और उड़ान से जुड़े मापदंडों की गहन समीक्षा पर रहेगा। एयर इंडिया के बेड़े में इस समय 33 ड्रीमलाइनर विमान हैं।
पुलिस ने दर्ज किया आकस्मिक मौत का मामला
अहमदाबाद पुलिस ने दुर्घटना को लेकर आकस्मिक मृत्यु की रिपोर्ट दर्ज कर ली है। मेघाणीनगर थाना पुलिस के अनुसार, उन्हें हादसे की सूचना दोपहर करीब 1:44 बजे प्राप्त हुई। राहत अभियान के दौरान अधिकांश शवों को घटनास्थल से निकालकर अस्पताल पहुंचाया गया।
टाटा समूह की प्रतिक्रिया
टाटा समूह के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन ने इस हादसे को लेकर एक आंतरिक संदेश में कर्मचारियों को आश्वस्त किया कि समूह पूरी पारदर्शिता से जांच में सहयोग करेगा। उन्होंने कहा कि यात्रियों की सुरक्षा हमेशा उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता रही है और इसमें कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
यह हादसा देश के विमानन इतिहास की सबसे बड़ी त्रासदियों में से एक बन गया है। अब सभी की नजरें AAIB की रिपोर्ट और DGCA की कार्रवाई पर टिकी हैं।