अहमदाबाद: गुजरात की अंकलेश्वर निवासी भूमि चौहान की ज़िंदगी गुरुवार को अहमदाबाद की सड़कों पर लगे जाम के कारण एक नया मोड़ ले आई। 30 वर्षीय भूमि उस विमान में सवार होने वाली थीं, जो अहमदाबाद से लंदन जा रहा था और टेकऑफ के कुछ ही क्षणों बाद हादसे का शिकार हो गया। इस भीषण दुर्घटना में 241 लोगों की जान चली गई, केवल एक व्यक्ति जीवित बच पाया। लेकिन भूमि की किस्मत ने उन्हें मौत के मुंह से बाहर खींच लिया महज 10 मिनट की देरी ने उनकी जान बचा दी।
भूमि लंदन की उसी फ्लाइट के लिए घर से समय पर निकली थीं, लेकिन अहमदाबाद शहर में लगे भारी ट्रैफिक के कारण वह एयरपोर्ट देर से पहुंचीं। उन्होंने मीडिया को बताया, “हम समय पर अहमदाबाद पहुंच गए थे, लेकिन शहर में ट्रैफिक इतना ज्यादा था कि एयरपोर्ट तक पहुंचने में देरी हो गई। जब वहां पहुंचे, तब बोर्डिंग बंद हो चुकी थी और मुझे अंदर जाने नहीं दिया गया।”
अपनी फ्लाइट छूट जाने के कारण भूमि शुरुआत में बेहद निराश थीं। उन्हें लगा कि न केवल उनका टिकट बर्बाद हो गया, बल्कि ब्रिटेन में नौकरी भी चली जाएगी। लेकिन कुछ ही देर में यह निराशा राहत और कृतज्ञता में बदल गई जब उन्हें इस भयावह हादसे की सूचना मिली।
“हम रास्ते में चाय पीने के लिए रुके थे और ट्रैवल एजेंट से टिकट के रिफंड की संभावना पर चर्चा कर रहे थे। तभी हमें फोन आया कि जो फ्लाइट मैंने मिस की थी, वह क्रैश हो गई है,” उन्होंने बताया।
भावुक होते हुए भूमि ने कहा, “हम तुरंत एक मंदिर गए और भगवान का शुक्रिया अदा किया। अहमदाबाद का ट्रैफिक, जो उस वक्त मुझे बहुत परेशान कर रहा था, आज मेरी ज़िंदगी का सबसे बड़ा वरदान बन गया। मेरे पति, जो ब्रिस्टल में बैंक में कार्यरत हैं, उनसे मिलना अब किसी चमत्कार जैसा लग रहा है।”
भूमि चौहान ने दो साल पहले ब्रिटेन निवासी केवल चौहान से विवाह किया था। शादी से पहले वे शिक्षा और पार्ट-टाइम नौकरी के सिलसिले में यूके में रह चुकी थीं। वह हाल ही में डेढ़ महीने के लिए भारत आई थीं और छुट्टियां खत्म होने पर वापस लौट रही थीं।
घटना के समय एयर इंडिया के कर्मचारियों से उन्होंने काफी विनती की, लेकिन सुरक्षा और प्रोटोकॉल के तहत उन्हें फ्लाइट में चढ़ने की अनुमति नहीं दी गई। एयरपोर्ट से लौटते समय भूमि खुद को दुर्भाग्यशाली मान रही थीं, लेकिन नियति ने उन्हें एक दूसरा मौका दिया।
यह कहानी न सिर्फ भाग्य और जीवन की अनिश्चितता को दर्शाती है, बल्कि यह भी याद दिलाती है कि कभी-कभी हमारी योजनाओं में आई रुकावटें भी जीवनदायिनी सिद्ध हो सकती हैं।