नई दिल्ली: केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने सोमवार को कहा कि आने वाले दो वर्षों में भारत की सड़कें गुणवत्ता और ढांचे के मामले में अमेरिका की सड़कों की बराबरी करने लगेंगी। मोदी सरकार के 11 साल पूरे होने के मौके पर उन्होंने कहा कि देश में बुनियादी ढांचे में अभूतपूर्व विकास हुआ है।
🔶 अमेरिका जैसी सड़कें, भारतीय धरती पर
एएनआई को दिए एक विशेष साक्षात्कार में गडकरी ने कहा, “बदलाव की शुरुआत पहले ही हो चुकी है। आने वाले दो वर्षों में आप देखेंगे कि भारत की सड़कें तुलनात्मक रूप से अमेरिका के मानकों तक पहुँच चुकी होंगी।”
उन्होंने बताया कि सड़क नेटवर्क में सुधार ने लॉजिस्टिक्स लागत को भी घटाया है, जिससे निर्यात प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि भारत में लॉजिस्टिक्स लागत पहले लगभग 16% थी, जो अब घटकर लगभग 9% के आसपास आ गई है।
🔶 ये है सरकार का मास्टरप्लान
गडकरी ने बताया कि 25 नए ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे, 3000 किमी का बंदरगाह संपर्क राजमार्ग और धार्मिक पर्यटन सर्किटों को जोड़ने के लिए 1 लाख करोड़ रुपये की लागत से सड़क परियोजनाएं क्रियान्वयन में हैं। बौद्ध सर्किट और चारधाम को ऑल-वेदर सड़कों से जोड़ा जा रहा है।
इसके अलावा, पर्वतीय राज्यों में 36 सुरंगों का निर्माण किया जा रहा है, जिनमें से 23 पूरी हो चुकी हैं। साथ ही 15 रोपवे और 35 मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क भी विकसित किए जा रहे हैं।
🔶 11 वर्षों की प्रगति: आंकड़ों में
सड़क मंत्रालय के अनुसार:
भारत का राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क 2004 में 65,569 किमी था, जो 2024 में बढ़कर 1,46,145 किमी हो गया।
चार या अधिक लेन वाले राजमार्ग 2014 के 18,371 किमी से बढ़कर 48,422 किमी तक पहुँच गए।
हाई-स्पीड कॉरिडोर की लंबाई 93 किमी (2014) से बढ़कर 2,138 किमी (2024) हो गई।
राजमार्ग निर्माण की गति 12.1 किमी/दिन (2014-15) से बढ़कर 33.8 किमी/दिन (2023-24) हो गई।
🔶 गडकरी का संदेश
गडकरी ने कहा, “बुनियादी ढांचे की ताकत से ही भारत आर्थिक महाशक्ति बन सकता है। बेहतर सड़कें देश के कोने-कोने को जोड़ेगी और उद्योग, पर्यटन, और कृषि को नई उड़ान देंगी।”