कोलकाता में फर्जी पहचान पत्र गिरोह का पर्दाफाश, एक आरोपी गिरफ्तार

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कोलकाता, 9 जून: पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के समीप एक बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। रहरा थाना पुलिस ने इको पार्क क्षेत्र के निकट स्थित घुनी पंचायत इलाके से एक व्यक्ति को अवैध आप्रवासियों के लिए फर्जी पहचान पत्र तैयार करने के आरोप में गिरफ्तार किया है। पुलिस का कहना है कि यह व्यक्ति लंबे समय से इस गैरकानूनी गतिविधि में संलिप्त था और बड़ी रकम लेकर अवैध दस्तावेज तैयार करता था।

पुलिस अधिकारी ने जानकारी दी कि आरोपी, जो पेशे से एक कंप्यूटर ऑपरेटर बताया जा रहा है, ने अब तक कई फर्जी दस्तावेज जैसे कि आधार कार्ड, पैन कार्ड और मतदाता पहचान पत्र तैयार किए हैं। प्रारंभिक जांच में यह भी सामने आया है कि वह ये दस्तावेज बांग्लादेश से आए अवैध आप्रवासियों को मोटी रकम लेकर मुहैया कराता था, जिससे वे भारत में वैध नागरिक के तौर पर रह सकें।

छापेमारी और बरामदगी

पुलिस ने आरोपी के ठिकाने से कई फर्जी दस्तावेज, कंप्यूटर, प्रिंटर, स्कैनर, सीलें और सरकारी एजेंसियों के लोगो की डिजिटल कॉपी बरामद की है। दस्तावेजों की जांच से यह भी संकेत मिले हैं कि इस नेटवर्क के तार कई अन्य जिलों से भी जुड़े हो सकते हैं।

गिरफ्तारी के बाद पूछताछ जारी

पुलिस का कहना है कि आरोपी से पूछताछ की जा रही है ताकि इस रैकेट में शामिल अन्य लोगों का भी पता लगाया जा सके। साथ ही यह भी जांच की जा रही है कि इस नेटवर्क के पीछे कोई बड़ा मास्टरमाइंड तो नहीं है। आरोपी के मोबाइल फोन और डिजिटल डिवाइसेज की फॉरेंसिक जांच भी करवाई जा रही है।

राष्ट्रीय सुरक्षा पर खतरा

इस मामले को लेकर खुफिया एजेंसियां भी सतर्क हो गई हैं क्योंकि अवैध आप्रवासियों को पहचान पत्र उपलब्ध कराना राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से गंभीर खतरा माना जा रहा है। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, यह गिरोह न केवल राज्य बल्कि पड़ोसी राज्यों में भी सक्रिय हो सकता है।

स्थानीय लोगों में चिंता

इस घटना के बाद स्थानीय नागरिकों में भी चिंता का माहौल है। लोगों का कहना है कि अगर इस तरह की गतिविधियां बस्तियों के अंदर चल रही हैं, तो यह समाज और कानून व्यवस्था के लिए गंभीर चुनौती है।

पुलिस का अगला कदम

रहरा थाना प्रभारी के अनुसार, जल्द ही इस मामले में अन्य आरोपियों की धरपकड़ के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा। राज्य पुलिस और केंद्रीय एजेंसियां मिलकर इस गिरोह की जड़ों तक पहुंचने की कोशिश कर रही हैं।

कोलकाता के उपनगरीय इलाके में फर्जी दस्तावेजों का यह खुलासा एक गंभीर मामला है, जो देश की सुरक्षा व्यवस्था और पहचान प्रणाली की कमजोरी को उजागर करता है। पुलिस की सतर्कता से इस मामले का खुलासा संभव हो सका है, लेकिन आने वाले दिनों में इस नेटवर्क के और भी खुलासे होने की संभावना है।