रांची: झारखंड सरकार ने राज्य की सभी नदियों से बालू खनन पर 10 जून शाम छह बजे से आगामी 15 अक्तूबर तक रोक लगाने का फैसला लिया है। इस अवधि में नदियों से बालू की खुदाई पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगी। केवल पहले से जमा किए गए स्टॉक से ही बालू की आपूर्ति की जाएगी।
इस फैसले के पीछे उद्देश्य मानसून के दौरान नदी तटों और जल स्रोतों के पारिस्थितिकी तंत्र को सुरक्षित रखना है। यह प्रतिबंध राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के निर्देशों के अनुरूप हर वर्ष लागू किया जाता है।
50 लाख क्यूबिक फीट स्टॉक से मिलेगी आपूर्ति
झारखंड राज्य खनिज विकास निगम लिमिटेड (जेएसएमडीसी) के पास वर्तमान में करीब 50 लाख क्यूबिक फीट बालू का स्टॉक मौजूद है। इसी भंडार से निर्माण कार्यों और आम जरूरतों को पूरा किया जाएगा।
68 घाटों को मिली मंजूरी, 32 ही सक्रिय
राज्य में श्रेणी-2 श्रेणी में आने वाले कुल 444 बालू घाटों में से अब तक 68 घाटों को पर्यावरणीय स्वीकृति प्राप्त हुई है। हालांकि, इस समय केवल 32 घाटों पर ही खनन गतिविधियां चल रही हैं—इनमें 28 घाट सरकारी और चार निजी क्षेत्र द्वारा संचालित हैं।
जिला स्तर पर होंगे नए टेंडर
सरकार ने हाल ही में कैबिनेट की बैठक में फैसला लिया है कि श्रेणी-2 के तहत चिन्हित बालू घाटों का टेंडर अब जिला स्तर पर किया जाएगा। सफल बोलीदाताओं को घाट संचालन की जिम्मेदारी दी जाएगी और वे ही बालू की बिक्री के लिए अधिकृत होंगे।
खान एवं भूतत्व विभाग द्वारा तैयार किए गए झारखंड सैंड माइनिंग रूल्स-2025 को मंजूरी भी दी जा चुकी है, जिससे बालू खनन और वितरण की प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और स्थानीय स्तर पर नियंत्रित हो सकेगी।