नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने भाजपा पर गंभीर चुनावी आरोप लगाए हैं। उन्होंने दावा किया है कि महाराष्ट्र में हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में जनादेश को प्रभावित करने के लिए “मैच पहले ही फिक्स” कर दिया गया था। राहुल ने आशंका जताई कि ऐसी ही रणनीति अब बिहार या किसी अन्य राज्य में अपनाई जा सकती है।
The Indian Express में शनिवार को प्रकाशित अपने लेख में राहुल गांधी ने विस्तार से भाजपा पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि भाजपा और उसके गठबंधन दलों ने चुनावी सफलता के लिए पांच चरणों वाली एक सोची-समझी योजना पर काम किया, जिससे परिणाम पहले से तय लगने लगे।
राहुल गांधी के लेख की मुख्य बातें:
1. चुनावी प्रक्रिया में हस्तक्षेप लोकतंत्र के लिए खतरा
राहुल गांधी ने लिखा कि महाराष्ट्र चुनाव के दौरान जिस तरह से प्रक्रिया को प्रभावित किया गया, वह खेल में “मैच फिक्सिंग” के बराबर है। उन्होंने चेतावनी दी कि ऐसे कृत्य जनता के लोकतांत्रिक ढांचे पर सीधा हमला हैं और इससे नागरिकों का चुनावी प्रणाली पर भरोसा डगमगाता है। उनका कहना था कि हर नागरिक को इस तरह की घटनाओं पर सवाल उठाने चाहिए और अपने विवेक से निर्णय लेना चाहिए।
2. मामूली गड़बड़ी नहीं, बल्कि संगठित चुनावी भ्रष्टाचार
राहुल ने यह स्पष्ट किया कि वह किसी तकनीकी त्रुटि की बात नहीं कर रहे, बल्कि एक बड़े पैमाने की ऐसी साजिश का आरोप लगा रहे हैं, जिसमें लोकतंत्र की मूल संस्थाओं को कमजोर करने का प्रयास हुआ।
3. चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति पर उठे सवाल
कांग्रेस नेता ने 2023 में बने उस नए कानून पर भी सवाल उठाया, जिसके तहत अब चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति एक समिति द्वारा की जाती है, जिसमें देश के मुख्य न्यायाधीश की जगह अब एक केंद्रीय मंत्री को शामिल कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि इससे निष्पक्षता पर गंभीर संदेह खड़ा होता है।
4. निष्पक्षता से समझौता क्यों?
राहुल गांधी ने तर्क दिया कि अगर किसी निष्पक्ष संस्था या अधिकारी को हटाकर उसकी जगह एक विश्वासपात्र को बिठाया जा रहा है, तो इसके पीछे का उद्देश्य साफ है। उन्होंने पूछा, “क्या किसी निष्पक्ष व्यक्ति की जगह किसी पक्षपाती को लाना उचित है?” और खुद ही उत्तर दिया – “अगर सत्ता पक्ष ऐसा कर रहा है, तो इसका कारण स्वार्थ और नियंत्रण की इच्छा ही हो सकता है।”