एंबुलेंस को रास्ता नहीं देना पड़ा भारी, दो पर्यटक वाहनों पर ₹66 हजार का जुर्माना

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नई दिल्ली: हिमाचल प्रदेश के लाहौल-स्पीति जिले में गंभीर रूप से बीमार मरीज को ले जा रही एंबुलेंस को रास्ता न देना दो पर्यटक वाहनों को महंगा पड़ गया। हुर्लिंग इलाके में हुई इस घटना में ट्रैफिक पुलिस ने टैंपो ट्रैवलर और फॉर्च्यूनर गाड़ी पर कुल ₹66,000 का भारी चालान ठोका है।

नशे में थे पर्यटक, नहीं दिया रास्ता

जानकारी के मुताबिक, यह घटना गुरुवार रात की है जब एक एंबुलेंस काजा से रिकांगपिओ की ओर गंभीर हालत में पहुंचे एक मरीज को लेकर रवाना हुई थी। रास्ते में ड्राइवर ने लगातार हॉर्न बजाकर अन्य वाहनों से रास्ता देने की अपील की, लेकिन दोनों पर्यटक वाहन साइड देने को तैयार नहीं हुए। बताया जा रहा है कि इन वाहनों में सवार पर्यटक नशे की हालत में थे और उन्होंने एंबुलेंस की आपात स्थिति को भी नजरअंदाज कर दिया।

सड़क पर हुआ विवाद, बढ़ी परेशानी

घटना उस समय और गंभीर हो गई जब दोनों गाड़ियों के बीच रास्ता देने को लेकर आपसी बहस शुरू हो गई। इसी दौरान एंबुलेंस को भी बाधा का सामना करना पड़ा, जिससे मरीज की स्थिति और बिगड़ने का खतरा बढ़ गया। पुलिस ने तुरंत हस्तक्षेप कर नंबर प्लेट के आधार पर दोनों वाहनों की पहचान की और नियमानुसार कुल ₹66,000 का चालान जारी किया।

कानून क्या कहता है?

मोटर वाहन अधिनियम के तहत, किसी भी एंबुलेंस या आपातकालीन सेवा को रास्ता न देना एक गंभीर अपराध माना जाता है। इसके लिए ₹10,000 तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। हालांकि इस घटना में अतिरिक्त उल्लंघनों को ध्यान में रखते हुए बड़ी राशि का चालान जारी किया गया है।

धारा 196ई के अंतर्गत कार्रवाई

ध्यान देने वाली बात यह है कि वाहन अधिनियम की धारा 196ई सामान्यतः बिना बीमा वाहन चलाने या अनधिकृत रूप से संचालित होने वाले वाहनों पर लागू होती है। इस धारा के तहत ₹10,000 तक के जुर्माने के साथ-साथ चालक का लाइसेंस रद्द या निलंबित भी किया जा सकता है। पुलिस ने इस मामले में संबंधित चालकों के ड्राइविंग लाइसेंस रद्द करने की भी सिफारिश की है।

यह घटना एक बार फिर दिखाती है कि सड़क पर लापरवाही सिर्फ कानूनन जुर्म ही नहीं, बल्कि किसी की जिंदगी के लिए भी खतरा बन सकती है।