नई दिल्ली। एलन मस्क की अंतरिक्ष आधारित इंटरनेट सेवा कंपनी Starlink को भारत में बड़ी सफलता मिली है। केंद्र सरकार के दूरसंचार विभाग (DoT) ने कंपनी को देश में सैटेलाइट कम्युनिकेशन (SatComm) सेवाएं शुरू करने की मंजूरी दे दी है। यह जानकारी सूत्रों के हवाले से सामने आई है, हालांकि सरकार या स्टारलिंक की ओर से अब तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।
सूत्रों का कहना है कि लाइसेंस जारी हो चुका है और आगामी 15 से 20 दिनों के भीतर कंपनी को ट्रायल स्पेक्ट्रम आवंटित कर दिया जाएगा। इसके साथ ही स्टारलिंक को भारत में ग्रामीण और दुर्गम इलाकों में हाई-स्पीड ब्रॉडबैंड इंटरनेट सेवा शुरू करने का रास्ता मिल गया है।
अभी बाकी है एक अहम मंजूरी
हालांकि स्टारलिंक को सैटेलाइट इंटरनेट सेवाओं के लिए लाइसेंस मिल गया है, लेकिन सेवा शुरू करने से पहले उसे एक और जरूरी स्वीकृति का इंतजार है। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) ने सैटकॉम कंपनियों को स्पेक्ट्रम प्रशासनिक तौर पर आवंटित करने की सिफारिश की है, लेकिन दूरसंचार विभाग ने इन सिफारिशों पर अभी अंतिम निर्णय नहीं लिया है।
TRAI ने यह सुझाव भी दिया है कि सैटेलाइट कंपनियों से एजीआर (Adjusted Gross Revenue) का 4% शुल्क लिया जाए। यदि इन सिफारिशों को हरी झंडी मिलती है, तो स्टारलिंक भारत में सैटेलाइट इंटरनेट की सुविधा औपचारिक रूप से शुरू कर सकेगी।
संचार मंत्री ने दी थी संकेत
केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने हाल ही में एक बयान में कहा था कि सैटेलाइट कनेक्टिविटी, टेलीकॉम सेवाओं के लिए एक महत्वपूर्ण पहलू है। उन्होंने कहा था, “मोबाइल और फाइबर ऑप्टिक नेटवर्क के साथ-साथ अब सैटेलाइट कनेक्टिविटी, खासकर उन क्षेत्रों में अहम साबित होगी जहां परंपरागत नेटवर्क पहुंच नहीं बना पाते।”
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया था कि अब तक सरकार ने तीन कंपनियों को सैटेलाइट सेवा के लिए लाइसेंस दिया है। पहला लाइसेंस OneWeb को, दूसरा रिलायंस को और अब तीसरा Starlink को दिया गया है। आने वाले समय में स्पेक्ट्रम आवंटन की प्रक्रिया पूरी होते ही यह सेवाएं देशभर में शुरू कर दी जाएंगी।
क्या होगा असर?
Starlink की शुरुआत से उन लाखों लोगों को फायदा मिलेगा जो अब तक इंटरनेट कनेक्टिविटी से वंचित हैं। खासकर पहाड़ी, जनजातीय और सीमावर्ती क्षेत्रों में जहां अब तक वायर्ड नेटवर्क स्थापित करना संभव नहीं था, वहां यह सैटेलाइट सेवा एक नई क्रांति ला सकती है।
यह कदम डिजिटल इंडिया मिशन को और मजबूत करेगा और ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य और ई-गवर्नेंस जैसी सेवाओं को नए आयाम देगा।