नई दिल्ली: देश में एक बार फिर राष्ट्रीय जनगणना की तैयारियां तेज़ हो गई हैं। इस बार की जनगणना खास होगी, क्योंकि इसमें पहली बार जातीय आंकड़ों को भी औपचारिक रूप से दर्ज किया जाएगा। करीब 17 साल के लंबे अंतराल के बाद होने वाली इस जनगणना को लेकर केंद्र सरकार ने विस्तृत योजना तैयार कर ली है। सूत्रों के अनुसार, जाति जनगणना को दो चरणों में पूरा किया जाएगा, जिसमें डिजिटल तकनीक का व्यापक इस्तेमाल होगा।
1 अक्टूबर 2026 से होगी शुरुआत
प्रक्रिया का पहला चरण 1 अक्टूबर 2026 से शुरू होगा, जो मुख्य रूप से देश के पर्वतीय और सीमावर्ती राज्यों लद्दाख, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में लागू किया जाएगा। इन क्षेत्रों में मौसम संबंधी परिस्थितियों को देखते हुए गणना पहले की जाएगी।
1 मार्च 2027 से देशभर में होगी शुरुआत
दूसरे चरण में 1 मार्च 2027 से शेष भारत में जातीय जनगणना की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इस कार्य को पूरा करने में अनुमानित तौर पर तीन वर्ष लग सकते हैं, यानी 2030 तक अंतिम आंकड़े सामने आने की संभावना है।
केवल जाति पूछी जाएगी, श्रेणी नहीं
सूत्रों की मानें तो इस बार की जातीय जनगणना में केवल जाति से संबंधित जानकारी ली जाएगी। किसी की सामाजिक श्रेणी जैसे अनुसूचित जाति, जनजाति या पिछड़ा वर्ग से संबंधित सवाल नहीं पूछे जाएंगे।
डिजिटल माध्यम से होगी जनगणना
गणना कार्य पूरी तरह डिजिटल माध्यम से किया जाएगा। इसके लिए जनगणना कर्मियों को मोबाइल ऐप्स और टैबलेट्स से लैस किया जाएगा, जिससे डेटा संग्रहण और विश्लेषण तेज़ी और सटीकता के साथ किया जा सकेगा।
आर्थिक स्थिति से जुड़ी जानकारियां भी शामिल
जातीय जानकारी के साथ-साथ परिवार की आर्थिक स्थिति की भी पड़ताल की जाएगी। इसमें यह देखा जाएगा कि आवास कच्चा है या पक्का, परिवार के पास टीवी, फ्रिज, वाहन या साइकिल है या नहीं।
ऐतिहासिक पहल
यह देश में पहली बार होगा जब जातीय जनगणना को इस पैमाने पर आधिकारिक रूप से अंजाम दिया जाएगा। गौरतलब है कि वर्ष 2011 में सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना (SECC) की गई थी, लेकिन उसके आंकड़े आज तक सार्वजनिक नहीं किए गए हैं।
सरकार का मानना है कि इस बार की जाति जनगणना से सामाजिक न्याय, आरक्षण व्यवस्था और योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन में बड़ी मदद मिलेगी।
डिजिटल तकनीक और घर-घर जाकर सीधे पूछे गए सवालों के ज़रिए की जाने वाली यह जनगणना देश की नीतियों को अधिक सटीक, समावेशी और न्यायपूर्ण बनाने में एक अहम कड़ी साबित हो सकती है।