ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने कहा है कि क्रिकेट का एक सदी के अंतराल के बाद ओलंपिक खेलों में शामिल होना भारत की वैश्विक ताकत और उसकी सांस्कृतिक छाप का प्रमाण है। उन्होंने यह बात इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के फाइनल मुकाबले के दौरान अहमदाबाद में कही, जहाँ रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु और पंजाब किंग्स के बीच खिताबी भिड़ंत हो रही थी।
सुनक ने कहा, “21वीं सदी में भारत का वैश्विक प्रभाव स्पष्ट रूप से दिखता है। क्रिकेट के ओलंपिक में लौटने के पीछे भारत की भूमिका सबसे बड़ी है।” गौरतलब है कि क्रिकेट को आखिरी बार 1900 में ओलंपिक में शामिल किया गया था और अब यह खेल 2028 में लॉस एंजेलिस ओलंपिक का हिस्सा बनेगा।
आईपीएल की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए सुनक ने कहा, “आईपीएल ने क्रिकेट को नए सांचे में ढाला है। अब हर खिलाड़ी, चाहे वह किसी भी देश से हो, आईपीएल में खेलने की इच्छा रखता है। यह टूर्नामेंट न केवल पुरुषों बल्कि महिला क्रिकेट के लिए भी बड़ा मंच बना है। महिला प्रीमियर लीग ने युवा लड़कियों को खेल में आगे बढ़ने का अवसर दिया है।”
उन्होंने इंग्लैंड के युवा खिलाड़ियों पर आईपीएल के प्रभाव का उदाहरण देते हुए जैकब बेथेल के हालिया प्रदर्शन का उल्लेख किया।
सुनक ने अपने पसंदीदा क्रिकेटर का नाम लेते हुए कहा, “मैं विराट कोहली का बहुत बड़ा फैन हूं। मेरे पास उनका ऑटोग्राफ वाला बैट है, जो मुझे भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दीवाली पर उपहार स्वरूप दिया था। यह मेरे लिए एक खास तोहफा है।”
क्रिकेट को उन्होंने एक सशक्त कूटनीतिक माध्यम बताते हुए कहा, “क्रिकेट ने अंतरराष्ट्रीय संबंधों में भी सकारात्मक भूमिका निभाई है। ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज से मेरी कई रोचक क्रिकेट चर्चाएं हुई हैं, विशेषकर एशेज श्रृंखला के दौरान। कभी-कभी चर्चा गर्म भी हो जाती थी, लेकिन हमेशा सौहार्दपूर्ण रहती थी।”
उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी अक्सर क्रिकेट पर चर्चा होती रही है, और उम्मीद जताई कि इंग्लैंड की आगामी भारत यात्रा दोनों देशों के संबंधों को और प्रगाढ़ बनाएगी