रांची। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई झारखंड कैबिनेट की बैठक में कुल 12 महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। बैठक में विभिन्न विभागों के शीर्ष अधिकारी भी मौजूद रहे।
बैठक में राज्य की नगरपालिका ठेकेदार नियमावली में संशोधन को स्वीकृति दी गई है, जिसके तहत अब ठेकेदारों के लिए झारखंड राज्य का जीएसटी प्रमाण पत्र अनिवार्य कर दिया गया है। इसके अलावा गढ़वा जिले की शहरी पेयजलापूर्ति योजना के लिए आवंटित राशि में वृद्धि को भी मंजूरी दी गई है।
नल-जल योजना में भी कुछ महत्वपूर्ण बदलावों को कैबिनेट की स्वीकृति मिली। इसके साथ ही राज्य सरकार द्वारा सृजित डॉक्टरों के पदों को अब औपचारिक रूप से स्वास्थ्य विभाग को हस्तांतरित कर दिया गया है।
जेएसएमडीसी (झारखंड स्टेट मिनरल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन) के पदेन अध्यक्ष के रूप में खनन एवं भूतत्व विभाग के सचिव को नियुक्त करने का निर्णय लिया गया है। साथ ही, जेएसएमडीसी के प्रबंध निदेशक (एमडी) की भी नियुक्ति होगी।
इन प्रस्तावों को मिली स्वीकृति:
• नगरपालिका संवेदक नियमावली में संशोधन को कैबिनेट की स्वीकृति।
• ठेकेदारों के लिए झारखंड जीएसटी पंजीकरण अनिवार्य किया गया।
• पाकुड़-बरहरवा सड़क निर्माण परियोजना को हरी झंडी।
• अवैध खनन पर कार्रवाई के लिए जुर्माने की शक्ति संबंधित विभागों को दी गई।
• सूचना एवं जनसंपर्क विभाग में 36 नए पद सृजित किए गए, जबकि पुराने व अनावश्यक पद समाप्त किए गए।
• आधार नामांकन हेतु नई एजेंसी से समझौता करने के प्रस्ताव को मंजूरी।
• खान सचिव होंगे जेएसएमडीसी के पदेन अध्यक्ष, एमडी की नियुक्ति भी।
• गिग वर्करों (जैसे ओला, उबर, जोमैटो आदि में कार्यरत) के लिए श्रमिक कल्याण बोर्ड के गठन का प्रस्ताव विधानसभा में लाया जाएगा।
• राज्य के नवगठित इंजीनियरिंग कॉलेजों में शिक्षकों और अधीनस्थ कर्मियों के लिए पद सृजन को मंजूरी।
• दो इंजीनियरिंग कॉलेजों में 85-85 शिक्षकों की नियुक्ति के लिए स्वीकृति।
• राजकीय बालिका महाविद्यालयों में हटाए गए सहायक शिक्षकों की बहाली को भी हरी झंडी।
कैबिनेट की इन स्वीकृतियों से राज्य के शैक्षणिक, प्रशासनिक और बुनियादी ढांचे को मजबूती मिलने की उम्मीद है। साथ ही, गिग वर्कर्स और स्वास्थ्य क्षेत्र को भी राहत मिलनी तय मानी जा रही है।