गुवाहाटी हाईकोर्ट भेजा गया ‘पुश बैक’ नीति से जुड़ा मामला, सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से किया इनकार

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नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने असम सरकार की ‘पुश बैक’ नीति के तहत 69 व्यक्तियों को बांग्लादेश भेजे जाने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करने से इंकार कर दिया है। शीर्ष अदालत ने याचिकाकर्ताओं को गुवाहाटी हाईकोर्ट का रुख करने का सुझाव दिया है।

यह याचिका ऑल बीटीसी माइनॉरिटी स्टूडेंट्स यूनियन द्वारा दायर की गई थी, जिसमें आरोप लगाया गया है कि राज्य सरकार कथित तौर पर बिना उचित कानूनी प्रक्रिया के लोगों को विदेशी नागरिक करार देकर हिरासत में ले रही है और फिर उन्हें सीमा पार भेज रही है। याचिका में यह भी कहा गया है कि गरीब और हाशिए पर जीवन यापन कर रहे सीमावर्ती क्षेत्रों के भारतीय नागरिकों को भी जांच या सुनवाई के बिना विदेशियों की श्रेणी में रखकर निर्वासित किया जा रहा है।

याचिकाकर्ताओं की मांग थी कि किसी भी व्यक्ति को विदेशी घोषित करने से पहले फॉरेनर्स ट्रिब्यूनल की विधिवत प्रक्रिया अपनाई जाए। साथ ही जब तक विदेश मंत्रालय द्वारा किसी की नागरिकता की पुष्टि नहीं हो जाती, तब तक किसी को भी देश से बाहर न भेजा जाए।

याचिका में असम सरकार की ‘पुश बैक’ नीति को अपारदर्शी और मनमाना बताते हुए कहा गया है कि इसके चलते कई निर्दोष नागरिकों के अधिकारों का हनन हो रहा है।

सुप्रीम कोर्ट ने इन दलीलों पर विचार करने से फिलहाल इनकार करते हुए स्पष्ट किया कि इस मुद्दे पर पहले गुवाहाटी हाईकोर्ट में सुनवाई की जानी चाहिए। अब याचिकाकर्ताओं को अपनी बात हाईकोर्ट में रखना होगा।