प्रधानमंत्री द्वारा सैन्य अभियानों का जिक्र चुनावी फायदे के लिए करना अनुचित : खरगे

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बेंगलुरु: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि वह चुनाव प्रचार के दौरान बार-बार सैन्य अभियानों का उल्लेख कर राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे गंभीर विषय का राजनीतिकरण कर रहे हैं।

बेंगलुरु में पत्रकारों से बातचीत करते हुए श्री खरगे ने कहा कि प्रधानमंत्री के भाषणों में सीमापार सैन्य कार्रवाई का उल्लेख एक चिंताजनक प्रवृत्ति बनता जा रहा है। उन्होंने कहा कि इससे सशस्त्र बलों की कार्रवाइयों को राजनीतिक लाभ के उपकरण के रूप में प्रस्तुत करने का खतरा पैदा हो जाता है। उन्होंने स्पष्ट किया, “मैं यह बात किसी दलगत भावना से नहीं कह रहा, बल्कि एक जिम्मेदार नागरिक के तौर पर कह रहा हूं कि हमें मिलकर ऐसे प्रयासों की निंदा करनी चाहिए जो हमारी सेना के बलिदानों को राजनीतिक मंच पर इस्तेमाल करते हैं।”

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि देश की सुरक्षा में योगदान देने का श्रेय किसी एक व्यक्ति को नहीं, बल्कि भारतीय सेना के साहस और समर्पण को जाता है। उन्होंने जोड़ा, “हमारी सेनाएं देश की रक्षा के लिए कार्य करती हैं, और पूरे देश को उन पर गर्व है। यह कहना कि ‘मैंने यह किया’ या ‘मैंने वह करवाया’, इस तरह की व्यक्तिगत श्रेय लेने वाली बातें सेना की गरिमा के खिलाफ हैं।”

श्री खरगे ने प्रधानमंत्री के उस दावे पर भी सवाल उठाया जिसमें उन्होंने कहा था कि सैन्य कार्रवाइयों के निर्णय सशस्त्र बलों द्वारा स्वतंत्र रूप से लिए जाते हैं। उन्होंने पूछा कि अगर वास्तव में प्रधानमंत्री हस्तक्षेप नहीं करते, तो वे चुनावी सभाओं में सैन्य अभियानों का जिक्र क्यों करते हैं?

कांग्रेस प्रमुख ने दोहराया कि सुरक्षा से जुड़े विषयों को राजनीतिक हथियार के रूप में प्रयोग करना न सिर्फ अनुचित है बल्कि देशहित के भी विपरीत है। उन्होंने कहा, “चुनाव प्रचार में सेना की कार्रवाइयों का इस्तेमाल वोट बटोरने या छवि चमकाने के लिए करना राष्ट्रीय हित और गरिमा का अपमान है।”