दिल्ली में वायु प्रदूषण पर लगाम कसने के उद्देश्य से सरकार ने एक ऐतिहासिक फैसला लिया है। राजधानी में स्थित ऊंची व्यावसायिक इमारतों, मॉल, होटलों और संस्थागत भवनों पर अब एंटी-स्मॉग गन लगाना कानूनी रूप से अनिवार्य कर दिया गया है। यह निर्देश पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986 की धारा 5 के तहत जारी किया गया है, जिसे दिल्ली सरकार के पर्यावरण विभाग ने अधिसूचित किया है।
पर्यावरण मंत्री मंजींदर सिंह सिरसा ने कहा, “अब बात केवल सुझावों की नहीं रही, बल्कि यह एक कानूनी जिम्मेदारी बन चुकी है। प्रदूषण के एक अहम स्रोत को पहली बार गंभीरता से लिया गया है, क्योंकि यह हमारे बच्चों के स्वच्छ वायु अधिकार से जुड़ा मसला है।”
किन परिसरों पर लागू होंगे ये नियम:
• वे सभी व्यावसायिक भवन, मॉल और होटल जिनका निर्मित क्षेत्रफल 3,000 वर्ग मीटर से अधिक है
• वे कार्यालय या संस्थागत इमारतें जो ग्राउंड के अलावा कम से कम 5 मंजिल या उससे अधिक ऊंची हैं
• यह नियम आवासीय परिसरों, जैसे फ्लैट, ग्रुप हाउसिंग और निजी मकानों पर लागू नहीं होगा
मुख्य निर्देश और समयसीमा:
• सभी संबंधित भवनों को आगामी 6 महीनों के भीतर एंटी-स्मॉग गन स्थापित करनी होगी
• एंटी-स्मॉग गन का संचालन सालभर आवश्यक होगा, सिर्फ 15 जून से 1 अक्टूबर (मानसून अवधि) को छोड़कर
• इमारत के क्षेत्र के अनुसार 3 से 6 गन तक लगाना जरूरी होगा:
© 10,000 वर्ग मीटर तक के लिए 3 गन
© हर अतिरिक्त 5,000 वर्ग मीटर पर 1 अतिरिक्त गन
• गन को भवन की छत पर स्थायी रूप से ब्रैकेट से लगाना होगा, मोबाइल ट्रेलर की अनुमति नहीं
• प्रत्येक गन को ऐसे डिज़ाइन किया जाएगा कि वह:
© 5 से 20 माइक्रॉन की पानी की बूंदें छोड़ सके
© 75 से 100 मीटर तक की दूरी पर प्रभावी हो
© अधिकतम 1,200 लीटर प्रति घंटा पानी का उपयोग करे
© केवल उपचारित (ट्रीटेड) पानी का उपयोग करे
संचालन का समय और तरीका:
• एंटी-स्मॉग गन को केवल अधिक प्रदूषण वाले समयों में चलाया जाएगा:
© सुबह: 6:30 बजे से 9:30 बजे तक
© शाम: 5:30 बजे से 8:30 बजे तक
© रात: 1:30 बजे से 4:30 बजे तक
• छोटे-छोटे समय अंतराल में गन का उपयोग करने की सिफारिश की गई है ताकि जल और बिजली की बचत की जा सके
• कम आवाज वाले ब्लोअर्स का प्रयोग और जहां संभव हो, रियल-टाइम एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग सेंसर लगाने का सुझाव
अनुपालन की निगरानी और क्रियान्वयन एजेंसियां:
• दिल्ली नगर निगम (MCD)
• दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA)
• लोक निर्माण विभाग (PWD)
• केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (CPWD)
• एनबीसीसी (NBCC)
• डीएसआईआईडीसी (DSIIDC)
• डीयूएसआईबी (DUSIB)
इन सभी एजेंसियों को तिमाही आधार पर रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी और अनुपालन सुनिश्चित करना होगा। उल्लंघन की स्थिति में दंडात्मक कार्रवाई और जुर्माने का प्रावधान भी तय किया गया है।
पर्यावरण मंत्री ने स्पष्ट किया, “यह अब एक स्पष्ट कानूनी व्यवस्था है। समय की मांग है कि हम शहरी विकास के हर पहलू में प्रदूषण नियंत्रण को एकीकृत करें। आधे-अधूरे प्रयास अब स्वीकार्य नहीं हैं।”
इस निर्णय के साथ दिल्ली देश का पहला ऐसा शहर बन गया है जहां शहरी पर्यावरण नीति में एंटी-स्मॉग गन को विधिक रूप से शामिल किया गया है।