रांची: झारखंड में भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत जेल भेजे गए चार वरिष्ठ अधिकारियों को राज्य सरकार ने निलंबित कर दिया है। इनमें वरिष्ठ आईएएस अधिकारी विनय कुमार चौबे भी शामिल हैं, जिन्हें उनके न्यायिक हिरासत में भेजे जाने के नौवें दिन निलंबित किया गया।
निलंबित किए गए अधिकारियों में उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के पूर्व प्रधान सचिव सह झारखंड राज्य बिवरेजेज कॉरपोरेशन लिमिटेड (JSBCL) के पूर्व महाप्रबंधक विनय कुमार चौबे, संयुक्त आयुक्त उत्पाद गजेंद्र सिंह, महाप्रबंधक (वित्त) सुधीर कुमार दास और पूर्व महाप्रबंधक (वित्त एवं अभियान) सुधीर कुमार शामिल हैं।
राज्य भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने इन चारों अधिकारियों को 20 और 21 मई को पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था। पूछताछ के दौरान कई वित्तीय अनियमितताओं और घोटाले के सबूत मिलने के बाद उन्हें गिरफ्तार कर रांची स्थित एसीबी की विशेष अदालत में प्रस्तुत किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
गिरफ्तारी के समय विनय कुमार चौबे पंचायती राज विभाग में प्रधान सचिव के पद पर कार्यरत थे। उन पर आरोप है कि JSBCL में कार्यकाल के दौरान उन्होंने अन्य अधिकारियों के साथ मिलकर आर्थिक अनियमितताएं कीं और सरकारी धन का दुरुपयोग किया।
राज्य सरकार ने इन चारों अधिकारियों को निलंबित करते हुए उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी है। यह कार्रवाई राज्य सरकार की ‘शून्य सहनशीलता’ की नीति के तहत की गई है, जिससे साफ संकेत मिलता है कि भ्रष्टाचार में लिप्त किसी भी अधिकारी को बख्शा नहीं जाएगा।
सूत्रों के अनुसार, ACB की जांच अब भी जारी है और आने वाले दिनों में कुछ और अधिकारियों या निजी कंपनियों की भूमिका भी उजागर हो सकती है। इस घोटाले को लेकर राज्य प्रशासन और नौकरशाही में हड़कंप मचा हुआ है।