नायडू ने की उच्च मूल्य के नोटों पर रोक लगाने की वकालत, कहा- डिजिटल लेनदेन से भ्रष्टाचार पर लगेगी लगाम

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आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के प्रमुख एन. चंद्रबाबू नायडू ने एक बार फिर बड़ी करंसी के नोटों को बंद करने की मांग उठाई है। वाईएसआर कडप्पा जिले में आयोजित टीडीपी की वार्षिक महासभा ‘महानाडु’ को संबोधित करते हुए नायडू ने कहा कि 500, 1000 और 2000 रुपए के नोटों पर प्रतिबंध लगाना समय की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि डिजिटल लेनदेन को प्रोत्साहित करने से देश में वित्तीय पारदर्शिता बढ़ेगी और भ्रष्टाचार पर प्रभावी नियंत्रण संभव होगा। नायडू ने यह भी दावा किया कि नोटबंदी को लेकर उन्होंने ही सबसे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सुझाव दिया था कि उच्च मूल्य वाले नोटों की छपाई बंद की जाए और डिजिटल करेंसी को बढ़ावा दिया जाए।

नायडू ने कहा, “जब मैंने पीएम मोदी को डिजिटल भुगतान प्रणाली पर रिपोर्ट दी थी, तभी उनसे आग्रह किया था कि 500, 1000 और 2000 रुपए के नोट बंद कर देने चाहिए। इससे भ्रष्टाचार पर नजर रखना आसान हो जाएगा और काले धन पर अंकुश लगेगा।”

कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है जब राजनीतिक चंदा भी पारदर्शी तरीके से लिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, “अब कार्यकर्ता और आम नागरिक टीडीपी को एक साधारण क्यूआर कोड स्कैन करके चंदा दे सकते हैं। इसके लिए नकद नोटों की कोई आवश्यकता नहीं रह गई है।”

डिजिटल अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ते कदम को आवश्यक बताते हुए नायडू ने कहा कि पूरी दुनिया अब डिजिटल करेंसी की ओर अग्रसर है और भारत को भी इस दिशा में तेज़ी से कदम बढ़ाने चाहिए। उन्होंने जनता से आह्वान किया कि वे इस पहल का समर्थन करें और बड़ी करंसी पर प्रतिबंध की मांग को बुलंद करें। नायडू ने समर्थकों से इस प्रस्ताव के समर्थन में तालियों के साथ अपनी सहमति जताने को भी कहा।