बिहार में 14 साल बाद हाई स्कूल लाइब्रेरियन की बहाली, पात्र अभ्यर्थियों के लिए सुनहरा मौका

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बिहार के युवाओं के लिए सरकारी नौकरी पाने का इंतजार अब खत्म होने वाला है। राज्य के शिक्षा विभाग ने एक बड़ी पहल करते हुए हाई स्कूलों में लाइब्रेरियन की बहाली की प्रक्रिया शुरू करने की तैयारी कर ली है। साल 2010 के बाद यह पहली बार होगा जब इतनी बड़ी संख्या में पुस्तकालयाध्यक्षों की नियुक्ति की जाएगी।

बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) द्वारा इस बहाली का आधिकारिक विज्ञापन जून 2025 में जारी किए जाने की संभावना है। यह भर्ती प्रक्रिया शिक्षक नियुक्ति परीक्षा TRE 4.0 के अंतर्गत की जाएगी। अनुमान है कि 6,500 से अधिक पदों पर बहाली की जाएगी।

BLIS और STET अनिवार्य, MLIS को भी मिल सकती है छूट

शिक्षा विभाग ने लाइब्रेरियन नियुक्ति नियमावली 2025 का प्रारूप तैयार कर लिया है, जिसे कैबिनेट की स्वीकृति के लिए जून में भेजा जाएगा। अनुमोदन मिलते ही रिक्तियों का रोस्टर BPSC को सौंपा जाएगा।

इस पद के लिए आवेदन करने वाले उम्मीदवारों के पास बैचलर ऑफ लाइब्रेरी एंड इन्फॉर्मेशन साइंस (BLIS) की डिग्री और बिहार शिक्षक पात्रता परीक्षा (STET) पास होना अनिवार्य होगा। कुछ रिपोर्ट्स में यह संकेत भी मिला है कि मास्टर ऑफ लाइब्रेरी साइंस (MLIS) डिग्री धारकों को भी पात्रता में शामिल किया जा सकता है।

आयु सीमा और आरक्षण नियम

आयु सीमा की बात करें तो सामान्य वर्ग के पुरुष अभ्यर्थियों के लिए 21 से 37 वर्ष, जबकि महिलाओं के लिए 40 वर्ष तक की छूट दी जाएगी। वहीं SC, ST, OBC और PwBD अभ्यर्थियों को राज्य सरकार के आरक्षण नियमों के अनुसार अतिरिक्त छूट मिलेगी।

परीक्षा प्रारूप और पाठ्यक्रम

चयन प्रक्रिया में 100 अंकों की वस्तुनिष्ठ लिखित परीक्षा शामिल होगी। इस परीक्षा में लाइब्रेरी साइंस, सामान्य ज्ञान, तार्किक क्षमता और कंप्यूटर जागरूकता से संबंधित प्रश्न पूछे जाएंगे। खास बात यह है कि इसमें नेगेटिव मार्किंग नहीं होगी। सफल अभ्यर्थियों को दस्तावेजों के सत्यापन के लिए बुलाया जाएगा।

परीक्षा का पाठ्यक्रम पुस्तकालय प्रबंधन, सूचना प्रौद्योगिकी, डिजिटल लाइब्रेरी सिस्टम, और सामान्य अध्ययन के विषयों पर आधारित होगा।

आवेदन की प्रक्रिया

उम्मीदवार BPSC की आधिकारिक वेबसाइट bpsc.bih.nic.in पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे। आवेदन प्रक्रिया में पंजीकरण, शुल्क भुगतान और दस्तावेज अपलोड करना शामिल होगा।

यह बहाली राज्य के शैक्षणिक ढांचे को सुदृढ़ बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है। खासकर ग्रामीण और अर्ध-शहरी इलाकों के स्कूलों में जहां पुस्तकालय व्यवस्था काफी कमजोर है, वहां इस कदम से छात्रों की अध्ययन सामग्री और ज्ञान संसाधनों तक पहुँच और बेहतर होगी।