अयोध्या में 5 जून को रामदरबार की प्राण प्रतिष्ठा: 14 मंदिरों में होंगे वैदिक अनुष्ठान, मुख्यमंत्री योगी रहेंगे उपस्थित

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अयोध्या: श्रीराम की नगरी अयोध्या एक बार फिर श्रद्धा और संस्कृति के भव्य संगम का साक्षी बनने जा रही है। श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के प्रथम तल पर स्थापित रामदरबार की प्राण प्रतिष्ठा आगामी 5 जून को गंगा दशहरा के पावन अवसर पर की जाएगी। इस दिन परकोटा क्षेत्र के अन्य 13 मंदिरों में भी मूर्तियों की प्रतिष्ठा का आयोजन होगा। यह अनुष्ठान अभिजीत मुहूर्त में प्रातः 11:25 से 11:40 बजे के मध्य सम्पन्न होगा।

30 मई से शुरू होंगी धार्मिक तैयारियां

इस आयोजन की तैयारियां 30 मई से प्रारंभ हो जाएंगी। इस दिन मंदिर परिसर में नर्मदेश्वर शिवलिंग की स्थापना और प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। इसके बाद 2 जून को मातृ शक्तियों द्वारा सरयू घाट से भव्य जल कलश यात्रा निकाली जाएगी, जो आरती स्थल, श्रृंगारघाट, हनुमानगढ़ी और दशरथ महल होते हुए यज्ञ मंडप तक पहुंचेगी।

तीन दिवसीय धार्मिक अनुष्ठान का कार्यक्रम

तीन दिवसीय अनुष्ठान की शुरुआत 3 जून को सुबह 6:30 बजे यज्ञ मंडप में पूजन और अग्नि स्थापना से होगी, जो देर रात तक चलेगा। 4 जून को पालकी यात्रा और विविध वैदिक अधिवासों का आयोजन किया जाएगा। फिर 5 जून को सुबह 5:30 बजे से वैदिक विधियों द्वारा पूजा आरंभ होगी और निर्धारित मुहूर्त में रामदरबार की मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा संपन्न होगी।

14 मंदिरों में प्रतिष्ठित होंगी मूर्तियां

राम मंदिर के प्रथम तल पर भगवान श्रीराम, माता सीता, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न और श्री हनुमान की मूर्तियां स्थापित की गई हैं। परकोटा क्षेत्र में भगवान शिव, सूर्यदेव, गणेशजी, माता भगवती, अन्नपूर्णा और हनुमानजी सहित छह देवताओं की मूर्तियां स्थापित होंगी। सप्त मंडपम में महर्षि वाल्मीकि, विश्वामित्र, वशिष्ठ, अगस्त्य, निषादराज, शबरी और अहिल्या की प्रतिमाएं प्रतिष्ठित होंगी। लक्ष्मणजी की एक अलग मूर्ति शेषावतार मंदिर में विराजमान की जाएगी। ये सभी मूर्तियां जयपुर के श्वेत संगमरमर से निर्मित हैं और दो फीट ऊंचे सिंहासनों पर रखी जाएंगी।

101 वैदिक आचार्यों द्वारा संपन्न होगा अनुष्ठान

इस विशाल वैदिक आयोजन की अगुवाई काशी के प्रतिष्ठित पंडित जयप्रकाश करेंगे, जिनके साथ अयोध्या और काशी से आए कुल 101 वैदिक आचार्य अनुष्ठान को पूर्ण करेंगे। वेद मंत्रों के उच्चारण, वाल्मीकि रामायण पाठ और यज्ञशाला पूजन इस आयोजन के प्रमुख अंग होंगे।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस अवसर पर मुख्य यजमान के रूप में उपस्थित रहेंगे। उनके साथ शंकराचार्य स्वामी अवधेशानंद गिरी, आचार्य विद्या रामानुजाचार्य, सौभाग्य नारायणाचार्य और अनेक संत-धर्माचार्य शामिल होंगे। साथ ही आरएसएस, वीएचपी और श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के प्रमुख पदाधिकारी भी इस आयोजन का हिस्सा बनेंगे।

श्रद्धालुओं के लिए विशेष दर्शन व्यवस्था

6 जून से श्रद्धालु रामदरबार और अन्य मंदिरों के दर्शन कर सकेंगे। ट्रस्ट ने प्रथम तल के दर्शन के लिए ‘पहले आओ, पहले पाओ’ नीति के तहत प्रतिदिन 750 पास जारी करने का निर्णय लिया है। हर घंटे 50 दर्शन पास उपलब्ध होंगे। वहीं, मंदिर के भूतल पर विराजित रामलला के दर्शन पूर्ववत निर्बाध रूप से जारी रहेंगे।

ट्रस्ट के भवन निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने जानकारी दी कि मंदिर का निर्माण कार्य 5 जून तक पूर्ण हो जाएगा। केवल दीवारों पर उकेरे जाने वाले प्रभु श्रीराम के जीवन प्रसंगों के भित्ति चित्रों का कार्य शेष रहेगा।