प्रधानमंत्री मोदी की स्वदेशी अपनाने की अपील, कहा- “छोटी आंखों वाले गणेश जी तक विदेश से आ रहे हैं”

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नई दिल्ली, गुजरात के गांधीनगर में आयोजित ‘गुजरात शहरी विकास योजना’ की 20वीं वर्षगांठ के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक जनसभा को संबोधित करते हुए स्वदेशी उत्पादों के उपयोग पर जोर दिया। उन्होंने बिना किसी देश का नाम लिए त्योहारों और दैनिक जीवन में विदेशी वस्तुओं की बढ़ती उपस्थिति पर चिंता जताई और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में जनता से सहयोग की अपील की।

प्रधानमंत्री ने कहा कि देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए हर नागरिक को संकल्प लेना होगा कि अब विदेशी वस्तुओं का त्याग किया जाएगा। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि त्योहारों पर गणेश प्रतिमाएं तक विदेशों से आ रही हैं, और वे भी ऐसी होती हैं जिनकी आंखें तक ठीक से खुली नहीं होतीं। पिचकारी, रंग और सजावट की सामग्री तक बाहर से आती है, जो चिंताजनक है।

पीएम मोदी ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का जिक्र करते हुए कहा कि यह अभियान सेना की ताकत से शुरू हुआ था, लेकिन अब इसे 140 करोड़ नागरिकों की भागीदारी से आगे बढ़ाना होगा। उन्होंने जनता से अनुरोध किया कि वे अपने घरों में उपयोग होने वाली वस्तुओं की सूची बनाएं और देखें कि कितनी चीजें विदेशी हैं, जिनका स्वदेशी विकल्प अपनाया जा सकता है।

प्रधानमंत्री ने व्यापारियों से भी अपील की कि वे लाभ के लोभ में विदेशी माल न बेचें और ग्राहकों को स्वदेशी उत्पाद अपनाने के लिए प्रेरित करें। उन्होंने यह भी कहा कि पहले लोग विदेश से सामान मंगवाने की सूची देते थे, अब कहते हैं कि यहां सब कुछ मिल जाता है, कुछ मत लाओ। यह बदलते भारत की पहचान है।

इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने 6 मई की रात को हुई सैन्य कार्रवाई का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि मात्र 22 मिनट में नौ आतंकवादी ठिकानों को तबाह करना भारतीय सेना की वीरता और निर्णायक रणनीति को दर्शाता है। पाकिस्तान द्वारा मारे गए आतंकियों को राजकीय सम्मान देने का जिक्र करते हुए उन्होंने इसे ‘प्रॉक्सी वॉर’ नहीं बल्कि खुले युद्ध की साजिश बताया और कहा कि भारत भी इसका जवाब उसी रूप में देगा।

प्रधानमंत्री का यह संबोधन आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को और मजबूत करने की दिशा में एक और कदम माना जा रहा है।