नीति आयोग की बैठक में बोले PM मोदी — “टीम इंडिया” की भावना से ही संभव है विकसित भारत का सपना

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में शनिवार को राजधानी दिल्ली में नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की 10वीं बैठक आयोजित की गई, जिसकी थीम थी ‘विकसित राज्य से विकसित भारत @2047’। इस महत्वपूर्ण बैठक में प्रधानमंत्री ने सभी राज्यों से समन्वय और सहयोग की भावना के साथ कार्य करने का आह्वान करते हुए कहा, “यदि केंद्र और राज्य सरकारें एकजुट होकर ‘टीम इंडिया’ की भावना से कार्य करें, तो देश का कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं है।”

बैठक में कई राज्यों के मुख्यमंत्री और केंद्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपाल मौजूद रहे। प्रधानमंत्री ने स्पष्ट किया कि देश की तेज़ी से बढ़ती वैश्विक भूमिका को देखते हुए अब विकास की गति को और तीव्र करना आवश्यक है।

दक्षिण भारत के तीन मुख्यमंत्री नहीं हुए शामिल

हालांकि बैठक में कुछ प्रमुख मुख्यमंत्रियों की अनुपस्थिति ने ध्यान खींचा। कांग्रेस शासित कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, वामपंथ शासित केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन और पुडुचेरी के मुख्यमंत्री एन. रंगासामी बैठक में शरीक नहीं हुए। कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम का हवाला देते हुए बैठक में भाग लेने में असमर्थता जताई, जबकि केरल के मुख्यमंत्री की ओर से वित्त मंत्री के. एन. बालगोपाल को प्रतिनिधित्व के लिए भेजा गया। पुडुचेरी के मुख्यमंत्री की अनुपस्थिति का कारण स्पष्ट नहीं हो पाया।

दक्षिण भारत के अन्य मुख्यमंत्री रहे उपस्थित

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन और तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी बैठक में उपस्थित रहे। इन नेताओं ने अपने-अपने राज्यों के मुद्दों को परिषद के समक्ष प्रमुखता से रखा और केंद्र के साथ समन्वयपूर्ण विकास पर बल दिया।

“विकसित भारत” के लिए साझा प्रतिबद्धता आवश्यक

प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर दोहराया कि भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने के संकल्प को केवल तभी साकार किया जा सकता है जब सभी राज्य केंद्र के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करें। उन्होंने कहा, “यह वक्त प्रतिस्पर्धा का नहीं, सहयोग का है। हम जितना एकजुट होंगे, उतना ही देश मजबूत होगा।”

नीति आयोग की यह बैठक न सिर्फ आर्थिक और सामाजिक नीतियों पर विमर्श का मंच बनी, बल्कि केंद्र और राज्यों के बीच सहकारिता की भावना को मजबूत करने का अवसर भी सिद्ध हुई।