अब टोल से मिलेगी सालभर की मुक्ति, सिर्फ ₹3,000 में असीमित सफर – केंद्र सरकार की नई योजना से करोड़ों को राहत

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नई दिल्ली: देशभर के वाहन चालकों के लिए राहत भरी खबर है। केंद्र सरकार जल्द ही टोल सिस्टम में बड़ा बदलाव करने जा रही है, जिसके तहत मात्र ₹3,000 में सालभर के लिए टोल से छुटकारा मिल सकेगा। यह नई नीति FASTag सिस्टम से जुड़ी होगी और इसका उद्देश्य हाईवे यात्राओं को सुलभ, पारदर्शी और किफायती बनाना है।

क्या है योजना का फायदा?

राष्ट्रीय राजमार्ग, एक्सप्रेसवे और राज्य राजमार्गों पर अब वाहन मालिक केवल ₹3,000 का वार्षिक पास लेकर सालभर असीमित यात्रा कर सकेंगे। यह सुविधा केवल निजी हल्के वाहनों (कार आदि) के लिए होगी और पास संबंधित वाहन के FASTag से डिजिटल रूप से लिंक रहेगा। इसका सबसे पहला पायलट प्रोजेक्ट दिल्ली-जयपुर हाईवे पर शुरू किया जाएगा।

कम सफर वालों के लिए अलग विकल्प

जिन लोगों की यात्रा सीमित होती है, उनके लिए 100 किलोमीटर पर ₹50 का दूरी-आधारित टोल विकल्प भी मौजूद रहेगा। यह शुल्क वाहन द्वारा तय की गई वास्तविक दूरी के आधार पर वसूला जाएगा, जिससे टोल भुगतान प्रणाली और अधिक पारदर्शी बनेगी।

बैरियर-फ्री टोलिंग की ओर कदम

नई नीति के तहत टोल प्लाजा पर बैरियर हटाए जाएंगे और ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन (ANPR) तथा GPS आधारित टोलिंग सिस्टम लागू किया जाएगा। इससे वाहन बिना रुके टोल का भुगतान कर सकेंगे, जिससे ईंधन और समय दोनों की बचत होगी।

सख्ती भी होगी लागू

टोल चोरी रोकने के लिए अब बैंकों को FASTag बैलेंस की निगरानी और दंड लागू करने का अधिकार मिलेगा। यदि टैग में बैलेंस नहीं होगा या वह ब्लैकलिस्टेड होगा, तो वाहन से दोगुना शुल्क वसूला जाएगा।

2025 से GPS टोलिंग पूरी तरह लागू

राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने जानकारी दी है कि 1 मई 2025 से पारंपरिक FASTag प्रणाली को पूरी तरह GPS आधारित टोलिंग से बदलने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इससे टोल की गणना और भी सटीक और निष्पक्ष हो सकेगी।

किफायती विकल्प, पर्यावरण को लाभ

वर्तमान में एक टोल प्लाजा का मासिक पास ₹340 का होता है, जो सालभर में ₹4080 बैठता है। वहीं ₹3,000 का वार्षिक पास पूरे देश के टोल नेटवर्क पर वैध होगा। इसके अलावा डिजिटल प्रणाली से टोल संग्रह में धोखाधड़ी पर भी लगाम लगेगी और CO2 उत्सर्जन में कमी आएगी।