नई दिल्ली: विदेश नीति और आतंकवाद के खिलाफ भारत की निर्णायक कार्रवाई को लेकर मोदी सरकार की तारीफ करने वाले कांग्रेस नेता शशि थरूर के बाद अब पार्टी के एक और वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने भी सरकार की सैन्य और कूटनीतिक रणनीति की सराहना की है। इससे कांग्रेस के भीतर मतभेद और ज्यादा गहरे हो गए हैं।
आनंद शर्मा की प्रतिक्रिया
पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर कहा कि यह आतंक के खिलाफ एक साहसी और निर्णायक कदम है, जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से जरूरी था। उन्होंने कहा कि भारत ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान की आतंकवाद-समर्थक नीति को बेनकाब करने के लिए जो रणनीति अपनाई, वह प्रभावी रही है। शर्मा ने सर्वदलीय सांसद प्रतिनिधिमंडल को वैश्विक मंचों पर भारत का पक्ष रखने भेजने की सरकार की पहल की भी तारीफ की।
ऑपरेशन सिंदूर: आतंक के खिलाफ कड़ा संदेश
गौरतलब है कि 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 27 निर्दोष नागरिकों की जान गई थी। इसके जवाब में भारत ने 6-7 मई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान के बहावलपुर स्थित जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की, जिसमें करीब 100 आतंकियों के मारे जाने की पुष्टि हुई। इस कार्रवाई को लेकर भारत ने वैश्विक समुदाय को अपनी स्थिति स्पष्ट करने के लिए सात सर्वदलीय सांसद प्रतिनिधिमंडल गठित किए, जिनमें से एक का नेतृत्व खुद शशि थरूर कर रहे हैं।
कांग्रेस में बढ़ती बेचैनी
शशि थरूर और अब आनंद शर्मा की मोदी सरकार की नीतियों की सराहना से कांग्रेस नेतृत्व असहज नजर आ रहा है। पार्टी के कुछ नेता इसे “पार्टी लाइन से हटकर बयानबाजी” बता रहे हैं। जयराम रमेश ने थरूर के बयान को “निजी राय” बताया, वहीं अशोक गहलोत ने कहा कि ऐसे मामलों में पार्टी नेतृत्व से विचार-विमर्श जरूरी है।
बीजेपी ने दिया समर्थन
बीजेपी ने इन बयानों का स्वागत किया है। पार्टी नेता रवि शंकर प्रसाद ने कहा, “देर आए, दुरुस्त आए।” केरल बीजेपी अध्यक्ष के. सुरेंद्रन ने थरूर और शर्मा की ‘स्पष्टवादिता’ की सराहना करते हुए कहा कि राष्ट्रीय हित के मामलों में विपक्ष का समर्थन लोकतंत्र की परिपक्वता को दर्शाता है।
एक ओर जहां कांग्रेस के भीतर वरिष्ठ नेताओं की स्वतंत्र राय पार्टी में खलबली मचा रही है, वहीं भाजपा इसे “राष्ट्रहित में विपक्ष की परिपक्वता” करार दे रही है। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने सिर्फ आतंकियों को ही नहीं, बल्कि भारतीय राजनीति को भी झकझोर कर रख दिया है।