नई दिल्ली। भारत सरकार ने बुधवार को पाकिस्तान उच्चायोग में तैनात एक पाकिस्तानी अधिकारी को ‘अवांछित व्यक्ति’ (Persona Non Grata) घोषित करते हुए 24 घंटे के भीतर देश छोड़ने का आदेश दिया है। सरकार ने यह कदम उस अधिकारी की राजनयिक मर्यादाओं से बाहर जाकर की गई गतिविधियों के कारण उठाया, जिन्हें नियमों के खिलाफ माना गया।
विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि पाकिस्तान उच्चायोग के प्रभारी को औपचारिक आपत्ति पत्र (प्रोटेस्ट नोट) सौंपा गया है। इसमें साफ चेतावनी दी गई है कि भारत में नियुक्त कोई भी पाकिस्तानी अधिकारी अपने विशेषाधिकारों या पद का दुरुपयोग नहीं कर सकता।
क्या होता है ‘अवांछित व्यक्ति’?
राजनयिक परंपराओं में किसी विदेशी अधिकारी को ‘अवांछित व्यक्ति’ घोषित करना एक गंभीर और सख्त कदम होता है। जब किसी अधिकारी की गतिविधियां मेज़बान देश की संप्रभुता, सुरक्षा या नियमों के खिलाफ जाती हैं, तो उस देश की सरकार उसे अब और अधिक समय तक अपने देश में स्वीकार नहीं करती। आमतौर पर इस प्रक्रिया में विस्तृत कारण सार्वजनिक नहीं किए जाते।
ऑपरेशन सिंदूर के बाद हुई कार्रवाई
इस निष्कासन का समय भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि हाल ही में भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की जानकारी साझा की थी। यह अभियान जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के जवाब में चलाया गया था। भारत के एक वरिष्ठ सैन्य अधिकारी ने करीब 70 देशों के प्रतिनिधियों को इस ऑपरेशन की विस्तृत जानकारी दी थी। इसके कुछ ही दिनों बाद यह कार्रवाई सामने आई है।
विदेश मंत्रालय की स्पष्ट चेतावनी
भारत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह किसी भी विदेशी राजनयिक द्वारा अपने अधिकारों का दुरुपयोग सहन नहीं करेगा। विदेश मंत्रालय ने कहा, “पाकिस्तान उच्चायोग के प्रभारी को स्पष्ट कर दिया गया है कि भारत में तैनात कोई भी पाकिस्तानी अधिकारी अपनी राजनयिक स्थिति का दुरुपयोग न करे।”
यह घटना एक बार फिर दर्शाती है कि भारत अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा और संप्रभुता के मामलों में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं करेगा।