गुजरात में एशियाई शेरों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि, प्रधानमंत्री मोदी ने जताई प्रसन्नता

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नई दिल्ली/गांधीनगर: गुजरात के जंगलों में एशियाई शेरों की संख्या में बीते पांच वर्षों में 32 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई है। वर्ष 2020 में जहां शेरों की संख्या 674 थी, वहीं अब यह बढ़कर 891 हो गई है। इस उत्साहजनक उपलब्धि को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने खुशी व्यक्त की है और ‘प्रोजेक्ट लॉयन’ के तहत किए गए प्रयासों की सराहना की है।

प्रधानमंत्री मोदी ने मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की सोशल मीडिया पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा, “यह जानकारी अत्यंत उत्साहजनक है। यह देखकर प्रसन्नता होती है कि ‘प्रोजेक्ट लॉयन’ के प्रयासों से गुजरात में शेरों को अनुकूल वातावरण मिल रहा है और उनका संरक्षण सुनिश्चित हो रहा है।” उन्होंने आगे कहा, “मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि गुजरात में शेरों की आबादी बढ़कर 891 हो गई है। एशियाई शेर, जो भारत की शान हैं, का एकमात्र प्राकृतिक आवास गुजरात ही है।”

मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने ‘एक्स’ (पूर्ववर्ती ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए कहा, “माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के मार्गदर्शन में पिछले ढाई दशकों में गुजरात ने शेरों सहित वन्यजीवों के संरक्षण के क्षेत्र में संगठित प्रयास किए हैं।” उन्होंने बताया कि ‘प्रोजेक्ट लॉयन’ के माध्यम से शेरों की आबादी प्रबंधन, चिकित्सा और संरक्षण के कार्यों को गति मिली है। अब शेरों का वितरण राज्य के 11 जिलों तक विस्तारित हो चुका है।

श्री पटेल ने इस सफलता को केंद्र और राज्य सरकारों के संयुक्त प्रयासों के साथ-साथ स्थानीय समुदायों के सहयोग का भी परिणाम बताया।

गौरतलब है कि एशियाई शेरों के संरक्षण हेतु ‘प्रोजेक्ट लॉयन’ गिर के वनों में चलाया जा रहा है। इस परियोजना के तहत शेरों की सुरक्षा, स्वास्थ्य, आवास संरक्षण और पारिस्थितिकी संतुलन पर समन्वित कार्य किया जा रहा है। इसके अंतर्गत स्थानीय समुदायों के लिए रोजगार के अवसरों का सृजन, जैव विविधता संरक्षण, और शेरों की बीमारियों के निदान-उपचार के क्षेत्र में वैश्विक ज्ञान केंद्र की स्थापना जैसे लक्ष्य शामिल हैं।

उल्लेखनीय है कि वर्ष 2010 में एशियाई शेरों की संख्या घटकर 411 रह गई थी। अंतरराष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (IUCN) ने इन्हें ‘लुप्तप्राय’ श्रेणी में रखा है, जबकि वर्ष 2008 में इन्हें ‘गंभीर लुप्तप्राय’ घोषित किया गया था।