साहिबगंज। जिले के विभिन्न स्कूलों में कार्यरत 38 सहायक अध्यापकों (पारा शिक्षकों) पर गाज गिरने वाली है। इन शिक्षकों ने प्रयाग महिला विद्यापीठ इलाहाबाद, भारतीय शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश और हिंदी साहित्य सम्मेलन इलाहाबाद जैसे संस्थानों से इंटरमीडिएट की डिग्री प्राप्त की थी, जिन्हें राज्य सरकार फर्जी करार दे चुकी है।
शिक्षा विभाग ने इन संस्थानों से डिग्री लेने वाले शिक्षकों की सूची तैयार की थी, जिसमें कुल 40 नाम शामिल थे। इनमें से एक शिक्षक सेवानिवृत्त हो चुके हैं, जबकि एक के खिलाफ जांच जारी है। अब शेष 38 शिक्षकों को सेवा से हटाने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है।
किन-किन प्रखंडों से हैं प्रभावित शिक्षक?
हटाए जा रहे शिक्षकों में उधवा से 9, बोरियो और मंडरो से 7-7, बरहेट से 5, तालझारी से 4, तथा बरहड़वा और राजमहल से 3-3 शिक्षक शामिल हैं। राज्य परियोजना निदेशक शशि रंजन ने इस संबंध में सभी डीएसई और अपर जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों को पत्र भेजकर त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
प्रमुख नाम इस प्रकार हैं:
• इमानुअल किस्कू – उत्क्रमित प्रा. वि. दयालपुर
• दुलालचंद्र विश्वास – उत्क्रमित म. वि. नारायणपुर दियारा
• रूपये मुर्मू – प्रा. वि. संग्रामपुर
• मो. तौफिकुल इस्लाम – उत्क्रमित म. वि. समासपुर
• फिरदौसी बानो – प्रा. वि. अंगूठिया
• रमेश पहाड़िया – उत्क्रमित प्रा. वि. रोहड़ा
• मो. सफरूद्दीन – प्रा. वि. नजरूल टोला
• अजरूद्दीन शेख – उत्क्रमित म. वि. मुसजाइस टोला
• डाली खातून – उत्क्रमित प्रा. वि. अबुल टोला
आंदोलन की तैयारी में शिक्षक, 21 मई को करेंगे घेराव
इस कार्रवाई से नाराज शिक्षकों ने आंदोलन का ऐलान किया है। झारखंड राज्य प्रशिक्षित सहायक अध्यापक संघ के प्रदेश महासचिव विकास कुमार चौधरी ने बताया कि 21 मई को दुमका में विधायक बसंत सोरेन के आवास का घेराव किया जाएगा। इसके बाद 22 मई से गर्मी की छुट्टियों के दौरान सत्ता पक्ष के विधायकों व मंत्रियों के आवास के समक्ष आमरण अनशन किया जाएगा।
क्या है मामला?
राज्य में वर्ष 2002 से 2010 तक पारा शिक्षकों की बहाली की गई थी। उस समय न्यूनतम योग्यता मैट्रिक निर्धारित की गई थी, लेकिन बाद में शिक्षकों को इंटरमीडिएट की डिग्री लेने को कहा गया। कई शिक्षकों ने मान्यता प्राप्त संस्थानों की जगह फर्जी घोषित संस्थानों से डिग्री हासिल कर ली, जिसके चलते अब उन्हें नौकरी से हाथ धोना पड़ रहा है।