रांची: झारखंड के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी विनय कुमार चौबे को भ्रष्टाचार के आरोपों में गिरफ्तार कर लिया गया है। इस गिरफ्तारी के साथ ही वे राज्य के तीसरे ऐसे भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी बन गए हैं, जिन्हें पद पर रहते हुए जेल जाना पड़ा है। इससे पहले पूजा सिंघल और छवि रंजन पर भी गंभीर आरोप लग चुके हैं।
विनय कुमार चौबे, जो वर्तमान में पंचायती राज विभाग के सचिव पद पर तैनात थे, को छत्तीसगढ़ एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने मंगलवार को रांची से हिरासत में लिया। उन पर छत्तीसगढ़ के चर्चित शराब घोटाले में संलिप्तता का आरोप है। पूछताछ के बाद ACB ने चौबे के साथ उत्पाद विभाग के अधिकारी गजेंद्र सिंह को भी गिरफ्तार किया है।
पूजा सिंघल: मनरेगा घोटाले में पहली गिरफ्तारी
राज्य में पहली बार किसी महिला आईएएस अधिकारी को जेल जाना पड़ा था, जब मई 2022 में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पूजा सिंघल को मनरेगा घोटाले में गिरफ्तार किया। जांच एजेंसी ने उनके चार्टर्ड अकाउंटेंट के कार्यालय से 19.31 करोड़ रुपये नकद बरामद किए थे। लगभग 28 महीने जेल में बिताने के बाद उन्हें दिसंबर 2024 में रिहा किया गया और सरकार ने फिर से उन्हें आईटी सचिव पद पर नियुक्त कर दिया।
छवि रंजन: सेना की जमीन पर धोखाधड़ी का आरोप
इसके बाद, मई 2023 में रांची के तत्कालीन उपायुक्त छवि रंजन को सेना की जमीन की अवैध खरीद-बिक्री में संलिप्त पाए जाने पर गिरफ्तार किया गया। ईडी की जांच में पता चला कि रंजन ने बरियातू क्षेत्र स्थित सेना की जमीन के कागजात में गड़बड़ी करने वाले गिरोह को संरक्षण दिया। एक मामले में उन्हें जमानत मिल चुकी है, लेकिन बाकी मामलों के चलते वे अब भी होटवार जेल में बंद हैं।
तीन आईएएस, तीन घोटाले, एक राज्य
अब, विनय चौबे की गिरफ्तारी के साथ ही झारखंड में तीन बड़े घोटालों में आईएएस अधिकारियों की संलिप्तता सामने आ चुकी है—मनरेगा, जमीन और अब शराब घोटाला। यह राज्य की नौकरशाही में गहराते भ्रष्टाचार पर गंभीर सवाल खड़े करता है।