नई दिल्ली: भारत सरकार ने आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान को वैश्विक मंचों पर बेनकाब करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। इस अभियान के तहत 59 सदस्यीय उच्चस्तरीय डेलिगेशन को विभिन्न देशों की यात्रा पर भेजा जा रहा है। इस सर्वदलीय डेलिगेशन में 51 राजनेता और 8 वरिष्ठ राजनयिक शामिल हैं। मिशन के तहत कुल 7 समूह बनाए गए हैं, जिनमें हर दल और विचारधारा के प्रतिनिधियों को जगह दी गई है। खास बात यह है कि हर ग्रुप में कम से कम एक मुस्लिम नेता को भी शामिल किया गया है, ताकि वैश्विक समुदाय को यह संदेश दिया जा सके कि भारत की आतंकवाद विरोधी लड़ाई किसी धर्म के खिलाफ नहीं, बल्कि चरमपंथ के खिलाफ है।
सभी दलों की भागीदारी, वरिष्ठ नेताओं की अगुवाई
सातों समूहों की कमान अनुभवी और प्रभावशाली नेताओं को सौंपी गई है।
ग्रुप 1: भाजपा सांसद बैजयंत जय पांडा
ग्रुप 2: पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद
ग्रुप 3: जेडीयू नेता संजय कुमार झा
ग्रुप 4: शिवसेना नेता श्रीकांत शिंदे
ग्रुप 5: कांग्रेस सांसद शशि थरूर
ग्रुप 6: डीएमके सांसद कनिमोझी
ग्रुप 7: एनसीपी-सीएसपी सांसद सुप्रिया सुले
डेलिगेशन में मुस्लिम नेताओं की अहम भूमिका
सरकार ने मुस्लिम समुदाय के प्रमुख नेताओं को भी इस मिशन में खास जिम्मेदारी दी है।
ग्रुप 1 में AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी और DPAP के गुलाम नबी आजाद
ग्रुप 2 में एमजे अकबर और गुलाम अली खटाना
ग्रुप 3 में कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद
ग्रुप 4 में ईटी मोहम्मद बशीर
ग्रुप 5 में डॉ. सरफराज अहमद
ग्रुप 6 में मियां अल्ताफ अहमद और जावेद अशरफ
ग्रुप 7 में सैयद अकबरुद्दीन
ये देश होंगे यात्रा का हिस्सा
डेलिगेशन के सातों समूह अलग-अलग देशों का दौरा करेंगे, जिसमें पश्चिम एशिया, यूरोप, अफ्रीका, एशिया और अमेरिका के देश शामिल हैं।
ग्रुप 1: सऊदी अरब, कुवैत, बहरीन, अल्जीरिया
ग्रुप 2: ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, इटली, डेनमार्क और ईयू
ग्रुप 3: इंडोनेशिया, मलेशिया, जापान, सिंगापुर, साउथ कोरिया
ग्रुप 4: यूएई, लाइबेरिया, कांगो, सिएरा लियोन
ग्रुप 5: अमेरिका, ब्राजील, पनामा, गुयाना, कोलंबिया
ग्रुप 6: स्पेन, ग्रीस, स्लोवेनिया, लातविया, रूस
ग्रुप 7: मिस्र, कतर, इथियोपिया, दक्षिण अफ्रीका
उद्देश्य साफ: पाकिस्तान की असलियत दुनिया के सामने लाना
भारत की यह पहल स्पष्ट संकेत देती है कि वह अब आतंकवाद के मुद्दे पर वैश्विक सहानुभूति और समर्थन प्राप्त करने के लिए आक्रामक कूटनीति अपनाने के मूड में है। मुस्लिम नेताओं की भागीदारी इस संदेश को और भी मजबूत बनाती है कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई किसी एक समुदाय के खिलाफ नहीं, बल्कि मानवता की सुरक्षा के लिए है।
डेलिगेशन 21 मई से अपनी यात्रा की शुरुआत करेगा। यह दौरा न सिर्फ भारत की कूटनीतिक स्थिति को मजबूत करेगा, बल्कि पाकिस्तान की साजिशों को भी अंतरराष्ट्रीय मंच पर बेनकाब करने का बड़ा माध्यम बनेगा।