ऑपरेशन सिंदूर से घबराया चीन, बोला- पाकिस्तान को नहीं दिया कोई रक्षा सहयोग

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नई दिल्ली। भारत द्वारा हाल ही में चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान के भीतर किए गए सटीक हमलों ने न केवल उसके कमजोर एयर डिफेंस सिस्टम की पोल खोली, बल्कि चीन से मिले हथियारों की असलियत भी उजागर कर दी। इन हमलों में भारत ने ड्रोन, मिसाइल और बमों का इस्तेमाल करते हुए पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों को भारी नुकसान पहुंचाया।

इस बीच, चीन की भूमिका को लेकर भी सवाल उठे हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, ड्रैगन ने न केवल पाकिस्तान को हथियारों की आपूर्ति की, बल्कि सैटेलाइट, रडार और खुफिया जानकारी के माध्यम से उसे रणनीतिक मदद भी दी। हालांकि, चीन ने इन आरोपों को खारिज करते हुए सफाई दी है कि उसने पाकिस्तान को कोई रक्षा समर्थन नहीं दिया।

चीन ने दी सफाई, कहा- भारत और पाकिस्तान दोनों हमारे महत्वपूर्ण पड़ोसी

चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने कहा, “भारत और पाकिस्तान दोनों ही चीन के अहम पड़ोसी हैं। हम दोनों देशों के साथ संबंधों को गंभीरता से लेते हैं।” उन्होंने आगे कहा कि क्षेत्र में तनाव बढ़ने के बाद चीन ने हमेशा एक निष्पक्ष रुख अपनाया है और सभी पक्षों से संयम बरतने की अपील की है।

माओ निंग ने यह भी कहा, “हम भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर का स्वागत करते हैं और क्षेत्रीय शांति एवं स्थिरता में रचनात्मक भूमिका निभाने के लिए तैयार हैं।”

भारतीय हथियारों के आगे फेल हुआ चीनी हथियार तंत्र

ऑपरेशन सिंदूर ने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया कि संकट की घड़ी में ‘मेड इन इंडिया’ हथियार कहीं अधिक कारगर साबित हुए। पाकिस्तान के लाहौर में चीन द्वारा बनाए गए एयर डिफेंस रडार को भारतीय हमले में गंभीर नुकसान हुआ, जबकि चुनियां एयरबेस पर तैनात वाईएलसी-8ई एंटी-स्टील्थ रडार पूरी तरह नष्ट कर दिया गया।

पाकिस्तान द्वारा दागे गए चीन के ड्रोन और एआर-1 लेजर-गाइडेड मिसाइलों को भारतीय रक्षा प्रणाली ने आसमान में ही निष्क्रिय कर दिया। इतना ही नहीं, चीन के एचक्यू-9 एयर डिफेंस सिस्टम को भी भारतीय तकनीक ने आसानी से जाम कर दिया, जिससे भारतीय सेनाएं बिना किसी रुकावट के भीतर तक घुसपैठ कर सकीं।

तुर्की के बहिष्कार के बाद डरा चीन

तुर्की द्वारा पाकिस्तान के समर्थन के चलते भारत में उसका तीव्र विरोध हो रहा है। न केवल तुर्की के खिलाफ ट्रैवल बैन बढ़ा है, बल्कि वहां से आने वाले सेब, मार्बल और अन्य वस्तुओं के आयात का भी विरोध किया जा रहा है। भारत में कारोबार कर रही तुर्की की कंपनियों पर भी इसका असर पड़ा है। इस घटनाक्रम को देखकर चीन में चिंता का माहौल है।

चीन ने सोशल मीडिया पर पाकिस्तान को बताया दोषी

चीनी सोशल मीडिया पर भी इस पूरे प्रकरण पर बहस तेज हो गई है। वहां कई विश्लेषकों ने पाकिस्तान की कमजोर ट्रेनिंग और खराब ऑपरेशनल प्लानिंग को हथियारों की विफलता का कारण बताया है। भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने होशियारपुर के पास एक चीनी पीएल-15 मिसाइल का टुकड़ा भी बरामद किया है, जो साफ तौर पर इस युद्ध में चीन की भागीदारी की ओर इशारा करता है।