रांची में स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं के लिए राहत की बजाय परेशानी का कारण बनते जा रहे हैं। मंगलवार को रांची विद्युत आपूर्ति अंचल के करीब 800 घरों की बिजली उस वक्त अचानक काट दी गई, जब उनके प्रीपेड स्मार्ट मीटर का बैलेंस शून्य हो गया। उपभोक्ताओं को इस बात का पता तब चला जब पड़ोस में बिजली चालू रही लेकिन उनके घरों में अंधेरा छा गया।
बिजली कार्यालय से संपर्क करने पर उपभोक्ताओं को बताया गया कि उनके खाते में बैलेंस समाप्त हो गया है, जिससे मीटर ने स्वतः ही बिजली आपूर्ति बंद कर दी। इसके बाद उपभोक्ताओं ने जल्दी-जल्दी जेबीवीएनएल ऐप, जैक्सन पे ऐप और एटीपी मशीनों के जरिए भुगतान किया। भुगतान के लगभग आधे घंटे बाद बिजली आपूर्ति बहाल हो सकी। अधीक्षण अभियंता डीएन साहू ने पुष्टि की कि स्मार्ट मीटर में बैलेंस खत्म होते ही बिजली स्वतः कट जाती है।
रांची में कुल 3.50 लाख घरों में स्मार्ट मीटर लगाने का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें से अब तक करीब 40,457 घरों में मीटर नहीं लगाए गए हैं। यह परियोजना विश्व बैंक और केंद्र सरकार की आरडीएसएस योजना के तहत चलाई जा रही है।
हालांकि, उपभोक्ताओं का कहना है कि स्मार्ट मीटर से मिलने वाली सुविधा की बजाय उन्हें और अधिक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। कई उपभोक्ताओं ने शिकायत की कि न केवल बिजली बिल पहले से अधिक आ रहा है, बल्कि ऑनलाइन भुगतान के दौरान भी लगातार तकनीकी समस्याएं आ रही हैं।
हरमू पावर स्टेशन कार्यालय में बिल भुगतान के लिए लंबी कतारें देखी गईं, जहां लोगों ने बताया कि सर्वर डाउन होने के कारण उन्हें घंटों इंतजार करना पड़ा।
सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि कुछ उपभोक्ताओं को पांच महीने का बिजली बिल करीब ढाई लाख रुपये तक थमा दिया गया। उपभोक्ताओं ने कहा कि समय पर बिल की जानकारी नहीं मिलती, और बिना पूर्व सूचना के बिजली काटने की चेतावनी दी जाती है।
कुल मिलाकर, स्मार्ट मीटर जिनसे उपभोक्ताओं को पारदर्शिता और सुविधा मिलने की उम्मीद थी, वे फिलहाल लोगों के लिए चिंता और असुविधा का कारण बनते जा रहे हैं।